रुद्रप्रयाग-केदारनाथ में एक मिनट में 15 से 18 यात्री बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं। श्रद्घालुओं के लिए इन दिनों भी मंदिर 14 से 15 घंटे खुल रहा है। दिनोंदिन बढ़ रही यात्रियों की भीड़ के चलते मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया गया है। भक्तों को सभामंडप से ही दर्शन कराए जा रहे हैं।
इस वर्ष 6 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में दर्शनार्थियोंका नया रिकार्ड बना है। यात्रा के पहले ही दिन 23512 श्रद्घालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। इसके बाद मई माह के 26 दिनों में ही 4 लाख से अधिक श्रद्घालु केदारनाथ पहुंच गए थे। इस दौरान जब भी यात्रियों की भीड़ बढ़ी, तब बीकेटीसी ने मंदिर के गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था बंद की। लेकिन यह गिनती के दिन ही रहा। इसके बाद नियमित तौर पर श्रद्घालु गर्भगृह से ही बाबा केदार के दर्शन करते आ रहे थे। मानसून सीजन में यात्रियों की संख्या में कुछ कमी आई थी। लेकिन बीते दस दिनों से केदारनाथ में यात्रियों की प्रतिदिन संख्या बढ़ रही है, जिस कारण बीकेटीसी ने गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था बंद कर दी है।
बीते तीन दिनों से सभामंडप से ही भक्तों को दर्शन कराए जा रहे हैं। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कार्यकारी रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए गर्भगृह से दर्शन की व्यवस्था अस्थायी तौर पर बंद की गई है। सुबह 5 बजे से धर्म दर्शन शुरू हो रहे हैं, जो अपराह्न 3 बजे तक कराए जा रहे हैं। इसके बाद आराध्य को भोग लगाया जा रहा है, जिसके चलते एक से डेढ़ घंटे के लिए मंदिर को बंद किया जा रहा है। साढ़े चार से पांच बजे पुनः मंदिर में दर्शन शुरू हो रहे हैं, जो सांयकालीन आरती के बाद रात्रि नौ बजे तक कराए जा रहे हैं। यानि इन दिनों भी मंदिर 14 से 15 घंटे खुल रहा है और औसतन एक मिनट में 15 से 18 यात्री सभामंडप से बाबा केदार के दर्शन कर रहे हैं।
कोरोनाकाल में सभामंडप से कराए गए दर्शन ।
वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते केदारनाथ मंदिर के कपाट सूक्ष्म धार्मिक गतिविधियों में खोले गए थे। दोनों वर्ष शुरूआती एक से डेढ़ माह तक धाम में सन्नाटा पसरा रहा। इसके बाद नियमों के तहत यात्रा का संचालन किया गया, जिसमें यात्रियों को सभामंडप से ही बाबा केदार के दर्शन कराए गए थे। यात्रा के आखिरी दिनों में गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी।