*वन विभाग द्वारा 11900 फीट की ऊंचाई पर धूमधाम से मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस*

*विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वन विभाग द्वारा 11वें ज्योतिर्लिंग श्री केदारनाथ धाम में रोपित किए गए ब्रह्मकमल के पौधे*

*विश्व पर्यावरण दिवस* के अवसर पर श्री केदारनाथ धाम में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। केदारनाथ धाम में मेरी लाईफ फॉर इन्वायरमैंट हेतु वृक्षारोपण, स्वच्छता अभियान, सेल्फी फार इन्वायरमैंट हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।
प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने अवगत कराया है कि विश्व पर्यावरण दिवस की 52वीं वर्षगांठ पर श्री केदारनाथ धाम परिसर में 52 ब्रह्म कमल की पौध का रोपण किया गया। श्री केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी रावल जी एवं प्रभागीय वनाधिकारी केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के द्वारा ब्रह्म कमल पौध रोपण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। हिन्दु धर्म में ब्रह्म कमल फूल को ब्रहम देव का रूप माना जाता है जिसे लोगों के द्वारा भगवान शिव को भी अर्पित किया जाता है। ब्रह्म कमल उच्च हिमालयी क्षेत्र का औषधीय पुष्प है वर्तमान में ग्लोवल वार्मिंग के कारण ब्रह्म कमल पर भी इसका दुषप्रभाव पड़ रहा है। इसके संरक्षण हेतु वन विभाग के द्वारा कई प्रयास किये जा रहे हैं। विभाग द्वारा केदारनाथ में पौधालय की स्थापना पूर्व के वर्षों में की गयी है जहां पर ब्रह्म कमल की पौध तैयार कर प्रति वर्ष श्री केदारनाथ धाम के आस पास खाली स्थानो पर रोपण किया जा रहा है जिससे ब्रह्म कमल काफी मात्रा में उगने लगा है।
उन्होंने बताया कि भविष्य में बड़े स्तर पर ब्रह्म कमल को केदारनाथ धाम के आसपास रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है। वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत श्री केदारनाथ धाम में ब्रह्म कमल, कुटकी, बज्रदन्ती, पाषाण भेद, जड़ी-बूटी पौधों का रोपण एवं सोनप्रयाग से रामबाड़ा की बीच यात्रा मार्ग के किनारे खाली स्थानों पर देवदार, बांज, बुरांश, मोरू, पांगर, अंगू, पुतली, खर्सू, रेक्चा, कांचुला, पापड़ी थुनेर भोजपत्र प्रजाति की कुल 2000 पौध का रोपण किया गया। साथ ही वन विभाग के द्वारा केदारनाथ, भीमबली, जंगलचट्टी, गौरीकुण्ड एवं सोनप्रयाग में सफाई अभियान चलाया गया। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ-साथ तीर्थ यात्रियों के द्वारा भी प्रतिभाग किया गया। इस अवसर पर श्री केदारनाथ धाम में 500 से अधिक प्रकृति प्रेमियों के द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु शपथ भी ली गई। जिसके उपरान्त धाम की पवित्रता व पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हस्ताक्षर अभियान में लोगों के द्वारा प्रतिभाग किया गया। उन्होंने बताया कि यह अभियान लगातार धाम में चलता रहेगा।

 

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