हल्द्वानी। विजिलेंस कोर्ट ने वर्ष 2016 में रिश्वत के मामले में निर्माण खण्ड लोक निर्माण विभाग खटीमा के सहायक अभियंता चंद्र सिंह रौतेला को सजा सुनाई है।
विजिलेंस कोर्ट के मुताबिक 22 जनवरी 2016 को शिकायतकर्ता मो0 रियाज पुत्र अखलाक अहमद, निवासी ग्राम सरकड़ा तहसील सितारगंज जिला ऊधमसिंहनगर द्वारा सतर्कता अधिष्ठान में शिकायती पत्र इस आशय का दिया गया कि उसके द्वारा वर्ष 2014-15 के अन्तर्गत नानकमत्ता डिग्री कालेज से लेकर मेन रोड तक निर्माण कार्य कराया गया था, जिसके शेष राशि का भुगतान करने की एवज में चन्द्र सिंह रौतेला द्वारा 55,000 रुपए रिश्वत की मांग की गयी है, शिकायतकर्ता के शिकायती पत्र पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए सतर्कता सेक्टर हल्द्वानी की ट्रैप टीम द्वारा अभियुक्त चन्द्र सिंह रौतेला को 55,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर अभियुक्त के विरूद्ध नियमानुसार धारा 7/13 (1) डी सपठित धारा 13(2) भ्र0नि0अधि0 ) 1988 का अभियोग पंजीकृत कर आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया गया ।
विवेचना के दौरान सतर्कता अधिष्ठान के अभियोन अधिकारी श्रीमती दीपारानी द्वारा की गयी कुशल पैरवी के फलस्वरूप आज अपर सेशन न्यायाधीश, हल्द्वानी, जिला नैनीताल नीलम रात्रा द्वारा अभियुक्त चन्द्र सिंह रौतेला को दोषी पाते हुये भ्र0नि0अधि0 1988 की धारा 7 में तीन वर्ष का कठोर कारावास व 25000हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न करने पर छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया। भ्र0नि0अधि0 ) 1988 की धारा 7/13 (1) डी सपठित धारा 13 (2) में, पाँच वर्ष का कठोर कारावास व 25000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अर्थदण्ड अदा न
करने पर छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया

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