मंदाकनी नदी के बहाव से विजयनगर तैला मोटर मार्ग वास आउट हो कर 80 गांवों का कटा सम्पर्क।
रुद्रप्रयाग विधानसभा के 20 गांव व केदारनाथ विधान सभा के 60 गांव सड़क वास आउट से हुए प्रभावित।
एक सप्ताह से भी अधिक समय होने के बावजूद लोकनिर्माण ऊखीमठ व रुद्रप्रयाग सोए है कुम्भकर्णीय नींद।
ग्रामीण ने कहा समय रहते यदि लोकनिर्माण विभाग ने सड़क पर कार्य नही किया तो करेंगे जनांदोलन।
विभाग के मुख्या को नही पता कि विजयनगर तैला मोटर मार्ग कहा है ।
Decruption
:केदार घाटी में अतिवृष्टि और बादल फटने के बाद उफान पर आई मंदाकिनी नदी ने जखोली और बसुकेदार तहसील के 80 से अधिक गाँवों की सड़क को गंगानगर और बांसवाड़ा में पूरी तरह से अवरूद्ध कर दिया। इसमें अगस्त्यमुनि-तिमली और सिल्ला पठालीधार सड़क मार्ग का तो बड़ा हिस्सा गंगानगर के समीप मंदाकिनी में समा चुका है जिसके दुबारा बनने की संभावना क्षीण है। इधर गुरूवार सुबह गंगानगर के समीप तिमली बैंड के ऊपर पहाड़ी का हिस्सा भरभरा नीचे सड़क पर गिर गया है जिससे तिमली जाने वाली सड़क पर भी संकट आ गया है।O
मौजूदा सड़क का 50 मीटर हिस्सा पूर्ण रूप से बह चुका है जिसका ठीक होना बहुत असंभव है क्योंकि ऊपर से खतरनाक पहाड़ी और आवासीय बस्ती है और नीचे की तरफ से नदी का खतरनाक बहाव है। उक्त मोटर मार्ग जखोली और बसुकेदार तहसील के अनेक गाँवों का संपर्क मार्ग है और केदारनाथ यात्रा का विकल्प भी सिर्फ यही मार्ग है। वर्ष 2013 में भी यह पूर्ण रूप से बह चुका था फिर दोबारा इसी मार्ग का नव निर्माण किया गया था बरसात के समय हर साल इस मार्ग पर पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है जान जोखिम में डालकर ग्रामीण इस पर आवाजाही करते हैं। उन्होंने रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उक्त मार्ग को गंगानगर से एल एण्ड टी सड़क से जोड़कर नव निर्माण करवाने की मांग की है।
2013 की महा आपदा के बाद गंगानगर पुल और केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को बचाने के लि, सुरक्षा दीवार दी गई थी, बीते रविवार को यह सुरक्षा दीवार भी पूर्ण रूप से बह गई है। नदी का पानी लगातार पुल की ,प्रोच वाॅल और राजमार्ग के बचे हिस्से को काट रहा है। बारिश और लगातार जारी रहती है तो राजमार्ग कभी भी मंदाकिनी में समा सकता है, इससे मौजूदा गंगानगर पुल और जवाहरनगर मौहल्ले को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। बता दें जवाहरनगर में केदार?घाटी का सबसे बड़ा उच्च शिक्षा का केन्द्र राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय भी स्थित है। गंगानगर मौहल्ले से लगे छोर पर महा आपदा के बाद एल एण्ड टी द्वारा मजबूत दीवार दे दी गई थी लेकिन दूसरा हिस्से पर कामचलाऊ दीवार ही लग पाई, इस बार फिर मंदाकिनी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, ऐसे में इस स्थान पर मजबूत दीवार की आवश्यकता है जिससे स्थानीय जानमाल के साथ केदारनाथ यात्रा को भी सुचारू रखा जा सकेगा। दरमियान सिंह,त्रिलोक सिंह,जगदीश नेगी,भगवतीप्रसाद,विनोद सिंह का कहना है वियनगर तैला मार्ग को वास आउट हुए एक सप्ताह से भी अधिक समय हो गया है लेकिन लोकनिर्माण विभाग का कोई भी अधिकारी कमर्चारी वास आउट वाले स्थान पर नही पहुंच पाए हैं जबकि मीडिया व स्वयम लिखित व मौखिक रूप से लोकनिर्माण विभाग ऊखीमठ व रुद्रप्रयाग को अवगत करा दिया गया था।विभाग की लचर कार्य प्रणाली ही देखिये की आज तक वास आउट स्थान पर जाने की जहमत तक नही उठा पाए । ग्रामीणों का साफ तौर पर कहना है यदि समय रहते हुए लोकनिर्माण विभाग द्वारा समय पर सड़क को ठीक नही किया जाता तो लोग जल्द सड़क पर विभाग के खिलाफ जन आंदोलन करेंगे ।जिसकी सम्पूर्ण जबाबदेही लोकनिर्माण विभाग रुद्रप्रयाग की होगी।वही जब हमारे द्वारा उक्त सड़क के बारे अधिशासी अभियंता सुनील कुमार से पूछा तो उनका साफ तौर पर कहना है उनके संज्ञान में इस प्रकार की कोई भी सड़क नही है।