विधानसभा से बर्खास्त 228 कर्मचारी विधानसभा के बाहर सड़क पर कर रहे है प्रदर्शन ।

बैकडोर भर्ती में केवल 2016 के बाद ही क्यों कार्यवाही ।

2001 से अपनाई जा रही है बैकडोर भर्ती नीति ।

जांच आयोग ने माना था सभी भर्तियों में हुई बैकडोर नियुक्तियां।

उत्तराखंड में विधानसभा कर्मचारियों के मामले में बैकडोर भर्तियों पर विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी की कार्रवाई के बाद अब विधानसभा से निकाले गए 228 कर्मचारियों ने विधानसभा के बाहर ही डेरा डाल दिया। विधानसभा से अवैध नियुक्ति के नाम पर बाहर किए गए इन कर्मचारियों की मांग है कि उनके द्वारा उसी प्रक्रिया को अपनाया गया था जो 2001 से चली आ रही थी ऐसे में कार्रवाई से 2016 के बाद के कर्मचारियों पर ही क्यों ?

उत्तराखंड में विधानसभा में बैक डोर से हुई भर्तियां पिछले दिनों मीडिया की सुर्खियां भी बना था और सियासत भी गर्म हुई थी लेकिन कार्यवाही के नाम पर विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा बनाई गई कोठिया कमेटी की रिपोर्ट पर सिर्फ 2016 के बाद के कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया गया .. जबकि रिपोर्ट में 2001 से अब तक हुई नियुक्तियां को तर्दथ ओर नियम विरुद्ध माना गया है।
विधानसभा नियुक्ति मामले में कांग्रेस अब भी भाजपा पर नैतिकता अपनाने की नसीहत दे रही है । जबकि भाजपा अपनी अपनी सरकार की पीठ थपथपा रही है जिनके राज में भ्रष्टाचार पर गहरी चोट हुई है और अवैध नीतियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है।

विधानसभा में नियुक्तियों के मामले में विधानसभा अध्यक्ष के तरफ से जो सख्त रूख अपनाया गया था उसी सख्त रूख के चलते 228 कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है और अब यही कर्मचारी सड़कों पर बैठकर सरकार से ही नैतिकता अपनाने की बात कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि विधानसभा अध्यक्ष जो विधिक राय 2016 के बाद के कर्मचारियों पर लेती हुई नजर आई थी क्या वही विधिक राय उससे पूर्व में हुई नियुक्तियों पर भी लेती हैं और क्या उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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