विधानसभा भर्ती मामले में धामी सरकार कांग्रेस के निशाने पर आ गई है। विधानसभा में अपने रिश्तेदारों को नौकरी दिए जाने के मामले पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने साफ कह दिया है कि वह भी सन 2002 से 2007 तक विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं, लिहाजा क्यों ना जांच सन 2002 से 2022 तक की की जायेगा जिससे सारी तस्वीर साफ़ हो जाय।
वहीं नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि 2002 में नियमावली नही बनी थी लेकिन 2011 में नियमावली बन चुकी थी, उन्होंने कहा कि वो जांच का स्वागत करते हैं। साथ ही यशपाल आर्य ने कहा कि शिक्षा विभाग में भी नियुक्तियों की बंदरबांट की गई है यही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के अपने परिजनों को भी विभाग में नौकरियां दी गई हैं उन्होंने कहा कि इन सभी नियुक्तियों की भी जांच होनी चाहिए।