जोशीमठ क्षेत्र में अपने लिए मकान बनाने की जताई इच्छा
शूटिंग के दौरान मंडुवे की रोटी को कर रहे खूब पसंद,
पहाड़ी टोपी के दिवाने हुए क्रांतिवीर के प्रताप
{रिपोट -विनय बहुगुणा}
रुद्रप्रयाग- मराठी फिल्म की शूटिंग पर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग व चमोली के रमणीक स्थलों से रूबरू हो रहे हिंदी फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर यहां की वादियों में अपने लिए घर बनाना चाहते हैं। उन्होंने जोशीमठ क्षेत्र में बसने की इच्छा जताई है। शूटिंग के दौरान वह अभी तक जहां-जहां पर रूके, उन्होंने भोजन में पहाड़ी भोज्य पदार्थों का ही स्वाद लिया है।
बॉलीवुड के सितारों का देवभूमि उत्तराखंड से लगाव काफी पुराना है। कई फिल्म अभिनेता समय-समय पर देहरादून, ऋषिकेश, औली, मसूरी की सैर पर आते रहे हैं। वहीं, अब फिल्म अभिनेता नाना पाटेकर ने उत्तराखंड में बसने की इच्छा जताई है। वह, इन दिनों कोकोनट मोशन बैनर तले बन रही एक मराठी फिल्म की शूटिंग के लिए रुद्रप्रयाग व चमोली की वादियों में हैं। नाना पाटेकर पर फिल्म से जुड़े कई दृश्य चोपता, दुगलबिट्टा और बनियाकुंड में फिल्माए गए थे। वहीं, बीते दो दिन से टीम चमोली जिले के मलारी क्षेत्र में शूटिंग कर रही है। फिल्म के लाइन प्रोड्यूसर व ऋषिकेश निवासी त्रिभुवन चौहान ने बताया कि नाना पाटेकर ने उत्तराखंड के जोशीमठ क्षेत्र में बसने की इच्छा जताई है। वह, यहां की खूबसूरती और हसीन वादियों को देखकर मंत्रमुग्ध हैं। उन्होंने बताया कि नाना पाटेकर सुबह नाश्ते व रात के भोजन में एक-दो मंडुवे की रोटी और राई-पालक की सब्जी ले रहे हैं। यहां तक कि वह कई बार स्वयं भी भोजन बनाने में मदद करते हैं और यूनिट के अन्य लोगों को भोजन भी परोसते हैं। चौहान का कहना है कि उन्हें अभी तक फिल्म की शूटिंग के दौरान कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वह इतने बड़े अभिनेता के साथ काम कर रहे हैं। वह, बहुत ही सौम्य हैं। उन्होंने बताया कि नाना पाटेकर को पहाड़ी टोपी भी खूब पसंद आई। वह, शूटिंग खत्म होने के बाद अपने मित्रों के लिए यह टोपी उपहार के रूप में अपने साथ ले जाएंगे।
हेमंत पांडे भी हुए केदारघाटी के मुरीद
रुद्रप्रयाग ऑफिस-ऑफिस टीवी सीरियल से अपनी खास पहचान बनाने वाले हेमंत पांडे ने कई हिंदी फिल्मों में काम किया है। बीते वर्ष वह भी केदारघाटी के भ्रमण पर पहुंचे थे। तब, उन्होंने यहां के युवाओं को रंगमंच से जोडने के लिए थियेटर की बारीकियों से रूबरू कराने के लिए संस्थान खोलने की बात कही थी। साथ ही देवर गांव में बसने की इच्छा जताई थी।