उत्तरकाशी-उत्तराखंड में शासन स्तर पर बड़ी कार्रवाई हुई है उत्तरकाशी जिले में तैनात दो बड़े अधिकारियों को जनपद से हटा दिया गया है.बीते दिनों उत्तरकाशी जिले में मस्जिद को हटाने को लेकर विवाद बढ़ गया। जिसको लेकर 24 अक्टूबर को बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा हिंदूवादी संगठन के ऊपर लाठी चार्ज का मामला सामने आया था। जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी.वहीं अब शासन स्तर पर उत्तरकाशी जिले के दो बड़े अधिकारियों को हटाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिसके मुताबिक अपर जिलाधिकारी पीसीएस रजा अब्बास को उत्तरकाशी जिले से हटा कर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग उत्तराखंड शासन से अटैच किया गया है। वही उत्तरकाशी जिले के एक और अधिकारी डिप्टी एसपी प्रशांत कुमार को भी जिले से हटाकर पुलिस मुख्यालय से अटैच किया गया है।
बीते 24 अक्तूबर को मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली के दौरान स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई थी, जब प्रदर्शनकारी तय मार्ग से जाने की बजाए दूसरे मार्ग से जाने पर अड़ गए थे। उत्तरकाशी बवाल मामले में एडीएम रजा अब्बास और सीओ प्रशांत कुमार पर गाज गिरी है। दोनों को शासन ने देहरादून संबद्ध करने के आदेश जारी किए हैं। जनाक्रोश रैली आयोजक संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संगठन की ओर उक्त दोनों अधिकारियों के तबादले की मांग की जा रही थी
बता दें कि बीते 24 अक्तूबर को मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली के दौरान स्थिति उस समय तनावपूर्ण हो गई थी, जब प्रदर्शनकारी तय मार्ग से जाने की बजाए दूसरे मार्ग से जाने पर अड़ गए थे। इस दौरान ढाई घंटे तक गतिरोध के बाद पथराव और लाठीचार्ज की घटना हुई, जिसमें 9 पुलिसकर्मी सहित कुल 27 घायल हुए। कई घायलों का आज भी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।बुधवार को घटना के बाद पहली बार सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी पहुंचे थे और शाम को लौट गए थे। इसके बाद देर शाम को एडीएम और सीओ को देहरादून संबद्ध किए जाने के आदेश जारी हो गए। अपर जिलाधिकारी रजा अब्बास को जहां कार्मिक एवं सतर्कता विभाग में संबद्ध किया गया। वहीं, सीओ प्रशांत कुमार को पुलिस मुख्यालय संबद्ध किया गया है। हालांकि जनाक्रोश रैली के दौरान एडीएम रजा अब्बास मौके पर भी नहीं थे, लेकिन आयोजक संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संगठन ने उनके दूसरे समुदाय का होने पर अन्य अधिकारियों को भ्रमित करने का आरोप लगाया। वहीं सीओ प्रशांत कुमार रैली के दौरान उसी बेरिकेडिंग पर तैनात थे, जहां पथराव और लाठीचार्ज की घटना हुई थी।