भर्ती धांधली में एक पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी से भी पूछताछ की गई। एसटीएफ ने उनके बयान दर्ज किए हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें सरकारी गवाह बनाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने एक अभ्यर्थी की सिफारिश आरोपियों से की थी।
एक पूर्व मंडी समिति के अध्यक्ष को भी सरकारी गवाह बनाया जा चुका है। उसने भी कई अभ्यर्थियों की सिफारिश की थी।
वीपीडीओ भर्ती धांधली में एसटीएफ ने वर्ष 2016 में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव एमएस कन्याल और परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र पोखरिया को गिरफ्तार किया था।
जांच के दौरान एसटीएफ ने कई अभ्यर्थियों और उनके परिचितों से पूछताछ की है। इनमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। इन सब ने अपने-अपने संपर्क वाले अभ्यर्थियों की नौकरी के लिए इनसे सिफारिश की थी।
मार्च 2016में uksssc ने वीपीडीओ भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित कराई थी। आयोग ने 23 दिन में जारी कर दिया था रिजल्ट। इसमें ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ कर धांधली की गई थी। बाद में त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने भर्ती को निरस्त करा कर दोबारा कराया था।मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार ने uksssc का गठन किया था। उन्हीं के कार्यकाल में ये भर्ती घोटाला हुआ। हरीश रावत सोशल मीडिया के जरिए uksssc में गलत अधिकारियों के चयन के लिए उत्तराखंड की जनता से माफी भी मांग चुके हैं।

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