देहरादून– UKSSSC पेपर लीक मामले गिरफ्तारी के बाद STF लगातार नए नए खुलासे कर रही है। उत्तराखण्ड में आजकल भर्ती घाटालों की बाढ़-सी आ गई है। उत्तराखंड (Uttarakhand) अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की 2021 में हुई भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में लगातार एसटीएफ गिरफ्तारियां कर रही है। Uttarakhand में हुई उत्तराखंड (Uttarakhand) अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) भर्ती पेपर 2021 लीक केस में अभी तक 23 आरोपी सलाखों के पीछे डाले जा चुके है। विपक्ष इन भर्तियों की CBI जांच की मांग कर रही है।
वहीं, अब एक दिन पहले गिरफ्तार पंतनगर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड एईओ दिनेश चंद्र जोशी (असिस्टेंट एस्टेब्लिसमेंट ऑफिसर) की गिरफ्तारी के बाद उत्तराखंड एसटीएफ को 2015-16 में हुई दारोगा भर्ती परीक्षा की जांच भी सरकार करवाने की तैयारी में है।
वहीं, इसके अलावा उत्तराखंड विधानसभा में पूर्व विस अध्यक्ष और वर्तमान मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल के कार्यकाल में हुई भर्तियों के साथ ही छोटे से राज्य के विधानसभा में अभी तक 560 से ज्यादा कर्मचारी-अफसर तैनात किए जा चुके हैं।
इनमें से अधिकांश हर विधानसभा अध्यक्ष के कार्यकाल में बैक डोर से लगाए गए हैं। इन नियुक्तियों में बड़ा खेल हुआ है। इनमें पत्रकार, राजनेता, नौकरशाहों के रिश्तेदार, सगे-संबंधी और कईयों की पत्नीयां भी शामिल हैं। ऐसे में हमाम में पत्रकार, नौकरशाह समेत दोनों ही पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के नेता…हैं।
अब देखना होगा कि उत्तराखंड सरकार इन भर्तियों के साथ और कितनी भर्तियों की एसटीएफ से जांच करवाती है। अगर वाकई में विधानसभा के साथ ही अन्य भर्तियों जिनमें वीडीओ/वीपीडीओ परीक्षा 2015-16, दारोगा भर्ती परीक्षा 2015-16 के साथ ही कई ऐसी परीक्षाएं हैं जिनमें हाकम के साथ ही यूपी और उत्तराखंड के कई माफियाओं ने बड़े ही शातिर तरीके पेपर लीक कर अपने-अपने लोग पैसे लेकर सरकारी कर्मचारी बनाए हैं।