तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाटसात नवम्बर को शीतकाल के लिये बन्द होंगे ।
रुद्रप्रयाग-पंचकेदारों में प्रसिद्ध तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 7 नवम्बर सोमवार को पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे शीतकाल के लिये विधिविधान के साथ बन्द किये जायेंगें।बद्री-केदार मन्दिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली इसी दिन प्रथम पड़ाव चोपता पहुंचेगी तथा यहां रात्रि विश्राम करेगी।दूसरे दिन आठ नवम्बर को देव डोली बणतोली होते हुए भनकुण्ड पहुंचेगी जहां दूसरा रात्रि प्रवास होगा।9 नवम्बर को प्रातः देवडोली भनकुण्ड से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्ककण्डेय मन्दिर मक्कूमठ पहुंच जायेगी।
पूजा अर्चना के पश्चात डोली मन्दिर के गर्भगृह में विराजमान हो जायेगी।इस अवसर पर प्रबन्धक बलबीर नेगी,मठापति राम प्रसाद मैठाणी,चंद्रमोहन बजवाल,पुजारी अतुल मैठाणी,रविन्द्र मैठाणी,अजय मैठाणी डोली यात्रा के साथ मौजूद रहेंगे।
रुद्रप्रयाग-पंचकेदारों में प्रसिद्ध तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 7 नवम्बर सोमवार को पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे शीतकाल के लिये विधिविधान के साथ बन्द किये जायेंगें।बद्री-केदार मन्दिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि
तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद तुंगनाथ भगवान की चल विग्रह डोली इसी दिन प्रथम पड़ाव चोपता पहुंचेगी तथा यहां रात्रि विश्राम करेगी।दूसरे दिन आठ नवम्बर को देव डोली बणतोली होते हुए भनकुण्ड पहुंचेगी जहां दूसरा रात्रि प्रवास होगा।9 नवम्बर को प्रातः देवडोली भनकुण्ड से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्ककण्डेय मन्दिर मक्कूमठ पहुंच जायेगी।पूजा अर्चना के पश्चात डोली मन्दिर के गर्भगृह में विराजमान हो जायेगी।इस अवसर पर प्रबन्धक बलबीर नेगी,मठापति राम प्रसाद मैठाणी,चंद्रमोहन बजवाल,पुजारी अतुल मैठाणी,रविन्द्र मैठाणी,अजय मैठाणी डोली यात्रा के साथ मौजूद रहेंगे।