उत्तरकाशी :एक और जहां ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर नगर पालिका चिन्यालीसौड़ में 94 नेशनल हाईवे का लगभग 100 मीटर हिस्सा भू-धंसाव की चपेट में आ गया है । जिस पर वाहनों की आवाजाही पुलिस प्रशासन व बीआरओ ने पूर्ण रूप से रोक लगा दी है, वहीं झील के तटवर्ती क्षेत्र में रह रहे क्षेत्रवासी भी दहशत में आ गए हैं।
पिछले काफी लम्बे समय से इस स्थान पर भू-धंसाव हो रहा था लेकिन शनिवार रात राष्ट्रीय राजमार्ग का एक बहुत बड़ा हिस्सा टिहरी झील के चपेट में आ गया। टिहरी बांध की झील का जलस्तर जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है वही झील के तटवर्तीय क्षेत्र में भू धसाव बढ़ रहा है। रविवार को टिहरी बांध का झील का जलस्तर लगभग 821 तक पहुंच गया है।
झील के जल स्तर बढ़ने से शनिवार रात को राष्ट्रीय राजमार्ग 94 के वाल्मीकि मोहल्ले के समीप जबरदस्त भू धसाव होने से राष्ट्रीय राजमार्ग का लगभग 100 मीटर का हिस्सा झील में समाने के कगार पर आ गया है। तटवर्तीय क्षेत्र के आसपास के बाल्मीकि मोहल्ला, लोक निर्माण विभाग, वन विभाग, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जखवाडी मोहल्ला, जोगथ रोड, बिजल्वाण व रमोला मोहल्ला, आर्च ब्रिज से पीपल मंडी आर्च ब्रिज से चिन्यालीसौड़, हडियारी, बंधानगांव मोटर मार्ग सहित झील के तटवर्ती क्षेत्र में भू-धंसाव की जद है।
गौरतलब है कि 25 अगस्त को बीआरओ के ओ आई सी विनोद कुमार देवड़ी ,टी एच डी सी के अपर माह प्रवन्धक दिनेश शुक्ला,उप प्रबंधक अतुल बहुगुणा, ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया।
पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़ ने टीम को बताया कि नगुण से बड़ेथी तक लगभग 7 किलोमीटर क्षेत्र में विगत 5 वर्षों से भू धसाव, भू स्खलन बढ़ता जा रहा है टी एच डी सी ने प्रभावित क्षेत्र में कार्य शुरू कर दिया है लेकिन वाल्मीकि मोहल्ले के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग का रात्रि को लगभग 100 मी का हिस्सा भू-धंसाव की जद में आ गया। टीएचडीसी के अधिकारी झील के जल भराव के कारण भू-धंसाव से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
उन्होंने ने कहा कि जगह-जगह भू-धंसाव से चिन्यालीसौड़ का भविष्य कभी भी समाप्त हो सकता है उन्होंने कहा कि अगर संबंधित विभाग तत्काल कार्यवाही नहीं करता है तो प्रभावित क्षेत्र के लोग टीएचडीसी के खिलाफ जबरदस्त धरना प्रदर्शन करेंगें

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