सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत सूचना देना है अनिवार्य ।

जनवरी से नवम्बर माह 2022 तक 3960 अपीलें ।

उत्तराखंड के नए सूचना आयुक्त योगेश भट्ट को राजभवन में राज्यपाल ले जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने शपथ दिलाई. राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के शपथ ग्रहण के दौरान कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. गौरतलब है कि धामी सरकार ने वरिष्ठ पत्रकार योगेश भट्ट को राज्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया है. प्रभारी सचिव सुरेंद्र नारायण पांडेय ने इसको लेकर आदेश जारी किए गए थे. योगेश भट्ट उत्तराखंड में विभिन्न समाचार पत्रों से जुड़े रहे हैं.शपथ के बाद नवनियुक्त राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट का आयोग में स्वागत किया गया जिसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने अपनी प्राथमिकता बताई और आयोग के बारे में जानकारी भी दी। सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सूचना आयोग एक ऑटोनॉमस बॉडी है हमें लोकतंत्र को मजबूत करना है अक्सर देखा जाता है संस्थाएं अपने उद्देश्य से भटक जाती हैं इसमें कहीं ना कहीं आम लोगों का दोष भी है सूचना का अधिकार लोगों को अधिकार देने वाला मजबूत एक्ट है। भट्ट ने मीडिया से भी आग्रह किया कि सूचना के अधिकार अधिनियम के लिए मीडिया भी अपनी भूमिका सुनिश्चित करें लोकहित की जानकारी पब्लिक डोमेन में (ईजी–वे) से आए ये हमारी प्राथमिकता में है। जिन लोगों ने सूचना के अधिकार अधिनियम का गलत फायदा उठाकर लोगों को ब्लैकमेल कर रहे हैं इस पर रोक सिर्फ आमजन की जागरूकता से ही लग सकती है।

इसके अलावा मुख्य सूचना आयुक्त अनिल चन्द पुनेठा ने भी आयोग के बारे में मीडिया से जानकारी साझा करते हुए बताया कि आयोग ने जनवरी से नवंबर तक 3960 अपील को सुना है जिनमें 2631 अपील का निस्तारण भी किया गया है। 43 सुनवाई में 05 लाख से ज्यादा का जुर्माना भी लगाया गया इतना ही नहीं पेंडेंसी को काफी हद तक कम करने में सफलता भी मिली है। 4000 से ज्यादा केस कोरोना काल मे पेंडेंसी में आए लेकिन अब आयोग तेजी से केस की सुनवाई कर रहा है,4 हजार से 2000 हजार तक आयी पेंडेंसी कम की गई है। बता दें कि इस पत्रकार वार्ता में सभी राज्य सूचना आयुक्त भी मौजूद रहे।

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