समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट उत्तराखंड सरकार को मिल गया है। पांच सदस्य समिति ने यह ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सौंपा। 8 सौ पन्नों के इस ड्राफ्ट के लिए समिति ने प्रदेश के अलग-अलग वर्गों से 2,32,961 सुझाव लिए जो राज्य के लगभग 10% परिवारों के बराबर है। ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए समिति ने 72 बैठके आहूत की।
बता दे की 27 में 2022 को रिटायर्ड जस्टिस रंजन प्रकार देसाई की अध्यक्षता में धामी सरकार ने पांच सदस्य समिति का गठन किया गया था जिसमें सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रमोद कोहली, समाज सेवी मनु गौड़, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह व दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल यह ड्राफ्ट तैयार किया है।
राज्य सरकार कल इस ड्राफ्ट पर कैबिनेट में चर्चा करेगी कैबिनेट मंजूरी के बाद 6 फरवरी को विधेयक के रूप में ड्राफ्ट को विधानसभा के पटल पर पेश किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि समिति के सदस्यों का यह योगदान राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। कहा कि हमारी सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन और परीक्षण कर जल्द ही उत्तराखंड राज्य के लिए सम्मान नागरिक संहिता कानून का प्रारूप तैयार कर विधेयक को विशेष सत्र में रखेगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार जल्द ही इस ऐतिहासिक कानून को देवभूमि में लागू कर जनता से किए गए वादे को पूरा करने में सफल होगी।