रूद्रप्रयाग। रूद्रप्रयाग में लगातार दूसरी बार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने जिलाधिकारी की प्रेसवार्ता का बहिष्कार किया। पत्रकारों का मानना है कि जबसे जिलाधिकारी रूद्रप्रयाग में आये हैं तब से पत्रकारों का भारी उत्पीड़न किया जा रहा है। सरकारी कार्यों में कैसे पारदर्शिता रहे इसका अनुमान इस से लगाया जा सकता है कि जिलाधिकारी ने रूद्रप्रयाग में कार्यभार करने के बाद अब तक एक बार भी जनपद के सक्रिय पत्रकारों से एक औपचारिक मुलाकात तक नहीं की। जबकि सूचना विभाग के माध्यम से करीब तीन माह पूर्व पत्रकारों द्वारा जो बिन्दु जिलाधिकारी को भेजे थे उन पर भी अमल नहीं हुआ है। लिहाजा श्रमजीवी पत्रकार संगठन ने जिलाधिकारी की प्रेसवार्ता का पूर्णत: बहिष्कार किया है, जिसमें संगठन का कोई भी पत्रकार जिलाधिकारी की प्रेसवार्ता में नहीं पहुंचा।
श्रमजीव पत्रकार यूनियन के जिला अध्यक्ष नरेश भट्ट के आवाह्न पर सभी पत्रकार साथियों द्वारा 15 मार्च को होने वाली जिलाधिकारी की प्रेसवार्ता का बहिष्कार किया गया। हालांकि इससे पूर्व 4 मार्च को भी जिलाधिकारी ने प्रेसवार्ता रखी थी जिनमें आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन को लेकर जानकारी दी जानी थी किन्तु श्रमजीवी पत्रकार संगठन ने इसका भी बहिष्कार किया। इसके बाद आज 15 मार्च को जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने पुनः प्रेसवार्ता रखी किन्तु संगठन ने फिर से बहिष्कार का निर्णय लिया।
संगठन के पत्रकारों का मानना है कि जिलाधिकारी द्वारा जनपद में पत्रकारों का भारी उत्पीड़न किया जा रहा है जबकि पूर्व से चली आ रही परम्पराओं को भी तोड़ा गया है। पत्रकारों ने कहा पहले से परंपरा थी कि जिले में हर माह प्रेस वार्ता होती थी जिनमें विभिन्न जन समस्याओं, सरकारी योजनाओं पर चर्चा और उनका समाधान होता था किंतु लम्बे समय से पत्रकार वार्तायें ही नहीं हुई। इससे यह भी संदेह होता है कि जिलाधिकारी नहीं चाहते कि पत्रकार उनके सामने जन समस्याएं रखे। ताकि अधिकारियों के सामने कोई जन समस्या आए ही नहीं और उन्हें सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार करने की खुली छूट मिले, जबकि पहले हर 3 महीने में प्रेस सम्मेलन होते थे जिनमें प्रत्येक विभाग प्रेस के सामने अपने-अपने विभागों की योजनाओं का भौतिक एवं वित्तीय प्रदर्शन दिखता था ताकि पारदर्शिता बनी रहे और योजनाओं में भ्रष्टाचार ना हो और जनता को उसका लाभ मिले लेकिन यह परंपरा भी समाप्त कर दी गई है। जबकि जिलाधिकारी सौरभ गहरवार के कार्यभार संभालने से अब तक एक भी प्रेस वार्ता नहीं हुई है।
अब क्योंकि लोकसभा चुनाव एवं केदारनाथ यात्रा की तैयारी सर पर हैं और प्रशासन की हर बार की तरह आधी अधूरी तैयारियां मीडिया की सुर्खियों में न रहे इसलिए प्रशासन द्वारा लगातार प्रेस वार्ता रखी जा रही हैं ऐसे में श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने जिलाधिकारी की प्रेस का बहिष्कार किया है और कहा है कि पूर्व में प्रभारी सूचना अधिकारी के माध्यम से जो बिन्दु पत्रकारों ने जिलाधिकारी को भेजे थे उन पर क्या कार्यवाही हुई उसका जवाब लिखित में दे उसी के बाद ही आगे बात होगी। हालांकि पूर्व में सूचना विभाग के माध्यम से पूर्व में कहीं बार प्रशासन और प्रेस के बीच भारती खाई को पाटने के लिए सुझाव भेजे गए किंतु जिलाधिकारी द्वारा पत्रकारों की सुझावों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। ऐसे में श्रमजीवी पत्रकार संगठन में भारी रोष व्याप्त है। पत्रकारों ने कहा कि आने वाले दिनों में प्रशासन की सभी खबरों और कार्यक्रमों का बहिष्कार किया जाएगा।
इस अवसर पर श्री श्यामलाल सुन्दरियाल, हरेंद्र नेगी, देवेंद्र चमोली, बद्री नौटियाल, बृजेश भट्ट, विनय बहुगुणा, विक्रम कप्रवाण, रवि कप्रवाण, अनसूया प्रसाद मलासी, ओम प्रकाश बहुगुणा, डॉ सुरेश गोदियाल ,नरेश भट्ट, कुलदीप राणा आजाद, प्रदीप सेमवाल, भूपेंद्र भण्डारी, प्रकाश रावत ,सतीश भट्ट,रामरतन पंवार आदि ने जिलाधिकारी की प्रेस का बहिष्कार किया।