आंदोलन के आठवें दिन विधायक से हुई वार्ता विफल,महिलाओं की भीड ने की शासन-प्रसाशन के खिलाफ जमकर नारेबाजी।

आंदोलन को तेज करने का निर्णय,जिला पंचायत सदस्य ने सदन में उठाया .।।

गैरसेंण।।ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के विनायकधार में सड़क की मांग को लेकर चल रही भूख हड़ताल 8वें दिन भी जारी रही।जहां तीन आंदोलनकारी अब भी भूख हड़ताल पर डटे हैं।भूख हड़ताल के 8वें दिन आंदोलनकारियों से वार्ता को पंहुचे कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल से ठोस आश्वासन न मिलने से नाराज आंदोलनकारियों ने उन्हें बैरंग लौटा दिया।आंदोलनकारियों से हुई लंबी वार्ता के दौरान विधायक ने लंबित सड़क के मिलान को लेकर 5-6 महीने का समय लगने की बात कही तो इस पर अधशनकारी भड़क उठे,ओर सवाल करते हुए पूछा कि दो साल में फाईल क्यों आगे नहीं बढी,जबकी स्थापना दिवस पर भराडीसैंण में मुख्यमंत्री द्वारा जल्द सड़क निर्माण की बात मंच से कही गयी थी,जिसके बाद विधायक अनशन स्थल से वापस चले गये।भूख हड़ताल की शुरूआत करने वाले देवपुरी के पूर्व प्रधान कुंवर सिंह नेगी का 8दिन बाद 4किलोग्राम वजन गिर गया है,टेटुडा के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अवतार सिंह कोटवाल का 5वें दिन वजन 2किलोग्राम कम ओर 3दिन से भूख हड़ताल पर बैठे लखण निवासी भुवन जोशी का स्वास्थ्य सामान्य बना हुआ है।आंदोलन को लेकर सरकार व प्रशासन के उपेक्षापूर्ण रवैये से आहत आंदोलनकारियों ने 15फरवरी को मुख्यमंत्री के गौचर में प्रस्तावित “मातृशक्ति-सम्मेलन”के बहिष्कार का निर्णय लिया है।आंदोलन को समर्थन देने के क्रम में चोखुटिया व थराली विकासखंड के जनप्रतिनिधि पंहुचे,वहीं गैरसैंण ब्लाक प्रधान संगठन ने भी आंदोलन को समर्थन देकर प्रशासन का सरदर्द बढ़ा दिया है।आंदोलन को समर्थन देने वालों की दिन भर भारी-भीड़ लगी रही,जिसमें कुमाऊं मंडल के चौखुटिया विकासखंड के खीडा क्षेत्र व थराली ब्लाक के तलवाड़ी क्षेत्र व गैरसैंण के जनप्रतिनिधि आंदोलन के समर्थन में पहुंचे।इस मौके पर संघर्ष समिति अध्यक्ष हरेंद्र कंडारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में गैरसैंण ब्लॉक प्रधान संगठन का आंदोलन को सक्रिय सहयोग दिए जाने,व मुख्यमंत्री के प्रस्तावित गौचर कार्यक्रम के बहिष्कार किए जाने का निर्णय लिया गया।जिसको लेकर महिला मंगल दल की धनपा देवी ने कहा जब सरकार हमारी 50साल पुरानी मांग को अनसुना कर, महिलाओं को आंदोलन करने के लिए मजबूर कर रही है,तो ऐसे में कार्यक्रम में शामिल होने का कोई औचित्य नहीं है।माईथान न्याय पंचायत की सभी 21ग्राम पंचायतें मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगी।”खीडा-खंसर-बधाण मित्र मंडल”के अध्यक्ष शयन सिंह नेगी ने कहा की 50से अधिक गांवों के आंदोलन को सरकार और प्रशासन हल्के में ले रही है,बडी मुश्किल से 8दिन बाद विधायक वार्ता को आए ओर वो भी खाली हाथ,जिससे आहत क्षेत्रवासी आंदोलन को ओर तेज करेंगे।ब्लॉक प्रधान संगठन के अध्यक्ष पान सिंह नेगी ने कहा कि न्याय पंचायत के बाद अब ब्लॉक संगठन का सक्रिय सहयोग मिलने से आंदोलन को तेज को तेज किया जाएगा,जिसमें मेहलचौरी,गैरसैंण,कुनीगाड, रोहिडा,पंचाली क्षेत्र के प्रधान शामिल रहेंगे।चौखुटिया ब्लॉक के खीडा से पहुंचे मोहन सिंह कन्याल और थराली के तलवाडी स्टेट से महिपाल सिंह बिष्ट,सुभाष पिमोली ने कहा कि सीमांत क्षेत्र में सड़कों की मांग वर्षों पुरानी है,आंदोलन को मांग पूरी होने तक मिलकर लड़ा जाएगा।इस अवसर पर प्रमुख गैरसैंण शशि सौरियाल,निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत,कांग्रेस प्रदेश सचिव हरिकृष्ण भट्ट,कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष दान सिंह नेगी,एडवोकेट केएस बिष्ट, प्रधान संगठन के प्रदेश सचिव गोवर्धन प्रसाद, खीडा-चौखुटिया के मोहन कन्याल,दीपक नेगी,लक्ष्मण नेगी,क्षेत्र पंचायत सदस्य आनंद नेगी,धन सिंह,माधव सिंह,प्रधान छीताड नित्यानंद, भूपेंद्र सिंह,शिव सिंह,तलवाडी स्टेट के महिपाल बिष्ट,सुभाष पिमौली,इंद्र सिंह फरस्वाण, कलावती बिष्ट,सेरा तेवाखर्क के प्रधान हुकम सिंह,दीवाधार की प्रधान गीता देवी,संघर्ष समिति के कुंवर सिंह नेगी,चन्दर सिंह नेगी,हरेंद्र कंडारी,नारायण सिंह बिष्ट,भाजपा मंडल अध्यक्ष हीरा फनियाल,महावीर रावत,संजय रावत,भरत उत्तराखंडी,वीरेंद्र,मोहन,गोविंद, तेजवर,अरविंद,धूमसिंह,लक्ष्मण,दीपा,पुष्पा,हंसी,महेशी,नंदी,संगीता,इंदु,बिमला, जानकी सहित कोलानी,नौगांव,चौरासैंण,लामबगड,दिवाधार,शीला,नैल,देवपुरी,दीवागाढ,कुशरानी तल्ली,पंवार-बाखली,तैलीधार,माईथान बाजार सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित रहे।

वहीं दूसरी ओर गैरसैंण के बिनायकधार में सड़क की मांग को लेकर चल रही ग्रामीणों की भूख हड़ताल को लेकर माईथन क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य एवं डीपीसी मेम्बर अवतार सिंह पुंडीर ने आंदोलन का मामला जिला पंचायत सदन में उठाते हुए जल्द समस्या का समाधान न होने पर आंदोलन को तेज करने की बात कही।मामले में जिलाधिकारी चमोली को शिकायती पत्र देकर अभिलंब सड़क की वन भूमि स्वीकृति को जिला स्तर पर निस्तारित कर नोडल को भेजने की मांग की गयी।

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