ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण कार्य होने से मरोड़ा गांव के लोगों को सता रहा बड़ी दुर्घटना का डर ।

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गांव की जमीन और घरों में पड़ी दरारें ,रेलवे निर्माण होने से पहले नही हुआ गांव का विस्थापन।

रुद्रप्रयाग-पहाड़ के विकास के लिए किया जा रहा ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन निर्माण का कार्य मरोड़ा गांव के लोगो के लिए खौफ का कारण बन गया है।सुरंग को बनाने का कार्य शुरू हुआ था कि घरो में दरार पड़नी शुरू हो गयी है।जिसके कारण गांव के लोगो के घरों में दरारें और जमीन खोखली हो चुकी है।गांव के लोगो ने प्रशासन और रेलवे बोर्ड से मुआवजा न मिलने से रोष व्यक्त किया है।जिला प्रशासन द्वारा अधिकारियों ने आकर क्षेत्र का जायजा लिया लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं होने पर स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन और सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया है।

बता दें गांव के लोगो द्वारा अपनी जमीन और घरों में आई दरारों के आने पर आंदोलन भी किया परन्तु रेल विकास निगम की ओर से गांव वालो को गांव से विस्थापित कराने का भरोसा दिलाया गया लेकिन धरातल पर स्थिति जस की तस बनी हुई है।


वहीं सुमेरपुर से गौचर के लिए रेल परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन जिन गांवों के नीचे सुरंग बन रही है, वहां के लोगों का चैन छिन गया है। लोगों के घरों में दरारें पड़ गई है, डर के मारे लोग रात-रातभर सो नहीं पा रहे हैं। मरोड़ा गांव के कई मकानों में दरारें पड़ गई है, जिससे भविष्य में बड़ी दुर्घटना घटने का डर गांववालों को सता रहा है और कई लोग गांव छोड़ अन्यत्र शिफ्ट भी हो चुके हैं। पीड़ित परिवार खौफ में जिंदगी गुजार रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन पीड़ित परिवारों की परेशानी को अनदेखा कर रहे हैं।

इस वजह से वहां के ग्रामीणों के बीच में भारी आक्रोश है।मरोड़ा गांव के प्रधान और रेल प्रभावित संघर्ष समिति के सदस्य वीरेंदर सिंह का कहना है कि पिछले काफी समय से रेल विकास बोर्ड और जिला प्रशासन को हम अपनी समस्या बता रहे है, प्रशासन की और से जाँच टीम आयी और चली गयी लेकिन हमारी किसी समस्या का समाधान अभी नहीं हुआ है।

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