प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो अध्यापको का होना अनिवार्य ।
एकल अध्यापक से बच्चों के पठन पाठन पर पड़ता है असर ,छात्रों की नींव है प्राथमिक शिक्षा ।धन सिंह रावत
उत्तराखण्ड। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिये सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एकल अध्यापक व्यवस्था को समाप्त करते हुये न्यूनतम दो शिक्षकों की तैनाती की जायेगी ताकि एक शिक्षक के अवकाश पर रहने के दौरान विद्यालय का संचालन निरंतर चलता रहे। इसके साथ ही बोर्ड परीक्षाओं में बेहत्तर प्रदर्शन के लिये माध्यमिक विद्यालयों में नई कार्ययोजना लागू की जा रही है जिसके तहत बोर्ड छात्र-छात्राओं को प्रत्येक 15 दिन में आंतरिक परीक्षा देने होगी, ताकि छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षाओं में बेहत्तर प्रदर्शन कर सके। इसके साथ ही विद्यालयों का भवन एवं संसाधनों की उपलब्धता के दृष्टिगत चार श्रेणियों में वर्गीकरण किया जायेगा।
विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज राजीव नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा स्थित आईसीटी केन्द्र में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में एकल अध्यापकीय व्यवस्था को समाप्त करते हुये प्रत्येक विद्यालय में कम से कम दो शिक्षक तैनात करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एक अध्यापक वाले विद्यालयों में देखा गया है कि वहां तैनात शिक्षक के अवकाश पर चले जाने के बाद कई दिन तक विद्यालय बंद रहता है, जिससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में व्यवधान आता है। जबकि कई विद्यालय ऐसे हैं जहां पर मानक से अधिक शिक्षक तैनात हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि जिन विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक तैनात हैं उन्हें ब्लॉक स्तर पर ही एकल अध्यापक वाले विद्यालयों में तैनात किया जायेगा। उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत 10वी एवं 12वीं के छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षाओं के मध्यनजर विशेष तैयारी कराई जायेगी। इसके लिये बोर्ड परीक्षा वाले छात्र-छात्राओं को प्रत्येक 15 दिन में आंतरिक परीक्षा दिलाई जायेगी ताकि उनकी बोर्ड परीक्षा के तैयारी बेहत्तर हो सके।
इससे जहां एक ओर छात्र-छात्राओं का बोर्ड परीक्षाओं के प्रति मनोबल बढ़ेगा वहीं दूसरी ओर बोर्ड परीक्षाफल भी बेहत्तर रहेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि राजकीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के दृष्टिगत सभी विद्यालयों का सर्वे करा उन्हें उपलब्ध भवन एवं संसाधनों के आधार पर चार श्रेणियों में बांटा जायेगा, ताकि आगामी वित्तीय वर्ष हेतु विद्यालयों के पुनर्निर्माण एवं मरम्मत के साथ ही फर्नीचर, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, चारहदीवारी, विद्युत, पेयजल, शौचालय आदि व्यवस्थाओं के लिये डीपीआर तैयार करा कर शासन से बजट की मांग की जा सके।
बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, अपर निदेशक आर0के0 उनियाल, संयुक्त निदेशक एस0पी0 जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।