पूर्व सचिव संतोष बडोनी और परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी के खिलाफ विजिलेंस जांच के शासन से हुए आदेश।

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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कराना से लेकर कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट अक्तूबर 2019 में खत्म होने के बावजूद उसे दो दर्जन परीक्षाएं कराने देने जैसे कई गम्भीर सवालों के जवाब खोजने के लिए अब जांच की आंच आयोग के पूर्व कर्ताधर्ताओं तक पहुंच चुकी है। अब पूर्व सचिव संतोष बडोनी से लेकर पूर्वे एग्ज़ाम कंट्रोलर नारायण सिंह डांगी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस जांच की डंडा चला दिया है। शासन ने UKSSSC के पूर्व सचिव संतोष बडोनी, पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी और तीन अनुभाग अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं। अपर सचिव कार्मिक एवं सतर्कता ललित मोहन सिंह रयाल ने शनिवार को आदेश जारी कर दिए हैं।

ज्ञात हो कि पिछले साल दिसंबर में UKSSSC द्वारा आयोजित कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में 22 जुलाई को मुख्यमंत्री धामी की सख्ती के बाद मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद STF ने 25 जुलाई से ही गिरफ्तारियां शुरू कर दी थी और अब तक 37 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। लेकिन नकल माफिया की ताबड़तोड़ गिरफ़्तारियों के बावजूद बार बार शक की सूई आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी और दूसरे
अफसरोें पर जाकर अटक रही थी। आखिर ऐसी कौनसी लापरवाही या घोर आपराधिक साज़िश रची गई जिसके चलते नकल माफिया आयोग के भीतर से पेपर चुरा ले जा रहा था, सीसीटीवी से लेकर वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे तंत्र भी फेल साबित हो रहे थे और आयोग के कर्ताधर्ता खुद को मासूम करार दे रहे! जाहिर है एसटीएफ का शक लगातार नकल माफिया की गिरफ़्तारियों के बावजूद आयोग के पूर्व और वर्तमान अफसरों की भूमिका की तरफ जा रहा था।

आयोग के अफसरान की भूमिका पर मँडराते संदेह के बादलों के चलते ही कुछ दिन पहले ही पुलिस मुख्यालय ने UKSSSC के अफसरों के खिलाफ विजिलेंस जांच की सिफारिश पत्र शासन को लिखा था। अब जाकर शनिवार को विजिलेंस जांच के विधिवत आदेश हो गए हैं।

विजिलेंस जांच की हिट लिस्ट में सबसे टॉप पर आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी हैं और उसके बाद पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी। बडोनी ही डांगी के रिटायरमेंट के बाद उनका प्रभार संभाल रहे थे। बडोनी और डांगी के अलावा आयोग के अनुभाग अधिकारी (गोपन) बृजलाल बहुगुणा, दीपा जोशी और कैलाश नैनवाल भी विजिलेंस जांच के दायरे में रहेंगे। इस संबंध में जल्द ही विजिलेंस टीम बनाकर जांच शुरू कर देगी।

ज्ञात हो कि UKSSSC के सचिव रहे संतोष बडोनी का कारस्तानियों के चलते ही उसे धामी सरकार ने पिछले दिनों निलंबित भी कर दिया गया था। जाहिर है अगर विजिलेंस जांच में बडोनी से सख्ती से पूछताछ हुई तो कई सिर्फ स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामला ही नहीं पूर्व की कई भर्ती परीक्षाओं में हुए गड़बड़-घोटालों से पर्दा उठ जाएगा। विजिलेंस जांच में बडोनी ही बताएँगे कि आयोग का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बावजूद RMS TechnoSolutions कंपनी को कैसे दो दर्जन परीक्षाएँ कराने दिया गया। कैसे यूपी और मध्यप्रदेश की दाग़ी ब्लैकलिस्टिड एजेंसी NSEIT की सेवाएँ ला जाती रही और नक़ल का खेल माफ़िया खेलता रहा! ज़ाहिर है मुख्यमंत्री धामी ने बेरोज़गार युवाओं के सरकारी नौकरी के सपनों पर डाका डाल रहे नक़ल माफ़िया और आयोग में बैठे उनके मददगार चेहरों को बेनक़ाब करने के लिए ही विजिलेंस जाँच कराने के आदेश दिए हैं।

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