रुद्रप्रयाग । जनपद रुद्रप्रयाग के विकासखण्ड जखोली के ग्राम चोंरा निवासी महेंद्र राज भट्ट ने बंजर भूमि में उद्यानीकरण के माध्यम से विभिन्न प्रजातियों के फल दार पेड़ो को लगाकर स्वरोजगार के क्षेत्र में महारथ हासिल कर रहे है ।महेंद्र राज भट्ट न केवल अपने लिये स्वरोजगार बल्कि अन्य लोगो के लिये भी प्रेणादायक साबित हो रहे है इन्होंने 0.40हेक्टयर भूमि पर सेब, कीवी, माल्टा, बड़ी इलाइची समेत कई फल-सब्जियों का उत्पादन कर केअपनी आजीविका को बढ़ावा दे रहे है ।यही नही जिलाप्रशासन भी ऐसे प्रगतिशील कृषको को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत रहते है। जनपद के प्रगतिशील काश्तकारों एवं कृषकों को प्रोत्साहित करने एवं उनकी समस्याओं के समाधान के लिए जिला योजना, राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ दिया जा रहा है ।
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग द्वारा प्रगतिशील कृषक महेंद्र राज के फार्म का स्वयं निरीक्षण करके सराहना करते हुए कहा कि ग्रामीण दूरस्थ क्षेत्र में इस तरह के फाॅर्म विकसित होने से निश्चित रूप से आजीविका में वृद्धि होती है तथा उनसे अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिलती है।  विभागीय स्तर पर ऐसे कृषकों को हर संभव मदद दी जा रही है। साथ ही समय-समय पर उनका आवश्यक मार्गदर्शन भी किया जाता है। जनपद में ऐसे प्रगतिशील कृषकों से अन्य कृषक प्रेरित हो सकें इसके लिए उनका प्रचार-प्रसार किया जाना भी आवश्यक है।

उन्होंने यह भी कहा कि जनपद में सेब की पैदावार बढाने के लिए सेब के बगीचों को विकसित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं तथा इस दिशा में कार्य करने वाले कृषकों को उचित प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने उत्तरकाशी जैसे अन्य सेब उत्पादित जनपदों में कृषकों का भ्रमण किए जाने को आवश्यक बताया ताकि किसान खेती की बारीकियों का निरीक्षण कर और बेहतर उत्पादन कर सकें।

जिला उद्यान विभाग के द्वारा उक्त कास्तकार को वर्ष 2020-21 में 0.40 है. में करीब 5 लाख 37 हजार रुपए की लागत से सघन सेब उद्यानीकरण तैयार किया गया है। इसके अलावा कीवी, स्टाॅबेरी समेत अन्य कैशक्राॅप उत्पादन के लिए भी सहायता दी गई है। मनरेगा के तहत घेरबाड़, टैंक व गूल निर्माण हेतु 9 लाख 13 हजार रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई गई है।
काश्तकार महेंद्र राज भट्ट ने कहा कि उनके द्वारा करीब 2 है. क्षेत्रफल में सेब, कीवी, माल्टा, बड़ी इलायची, चाय समेत अन्य फल, सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। इसके साथ ही उनके द्वारा मत्स्य व मुर्गी पालन का कार्य भी किया जा रहा है।

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