आवास के लिये दर दर भटकती महिला ,प्रधानमंत्री आवास योजना में नही हुआ चयन।।
विकासखण्ड जखोली के ग्राम पंचायत बरसीर की रहने वाली असहाय महिला को अबतक नही मिला आवास योजना का लाभ।
रुद्रप्रयाग ।भले ही प्रधानमंत्री द्वारा असहाय व गरीब लोगों के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) चलाई गयी है ।लेकिन आज भी जनपद में कई गरीब व निर्धन परिवार ऐसे है जिनके पास अपना खुद का पक्का मकान नही है और नही उनका चयन प्रधानमंत्री आवास योजना में हुआ है ।जिन लोगो के पास अपना खुद का पक्का आवास नही है वो ग्राम पंचायत से लेकर विकासखण्ड व,जिले के चक्कर लगाते हुए थक चुके हैं लेकिन अधिकारियों के द्वारा उन्हें कोई भी सन्तोष जबाब नही दिया जा रहा है ।
केंद्र सरकार द्वारा 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री आवास योजना₹ ग्रामीण) का शुभारंभ किया गया था और सभी पात्र व्यक्तियो को 2022 तक पक्का आवास देने का लक्ष्य रखा गया है ।आज भी ग्रामीण आंचलों में दर्जनों परिवार आवास विहीन है ग्राम बरसीर की अनु बस्ती में रहने वाली रामेश्वरी देवी के पास रहने के लिये आवास नही है और तीन छोटे छोटे बच्चों के साथ जीर्ण शीर्ण व खण्डर जैसे मकान में रहने को विवश हो रखे है ।बरसात में कच्चे घर से जगह जगह से पानी टपकता रहता है और हर समय मकान टूटने का भय बना रहता है।रामेश्वरी देवी का पति राजेश लाल हरिद्वार से चार पांच सालों से लापता चल रहा है खोजबीन करने के बाद भी आज तक कोई पता नही चल पाया है ।तीनो नाबालिक बच्चो के भरण पोषण की सम्पूर्ण जिम्मेदारी खुद सम्भाल रही है ओर पहाड़ जैसा जीवन यापन करने के लिये अपनी नियति मान रही है
रामेश्वरी देवी का कहना है वर्ष 2017 व 2018 में हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में उनका चयन नही हो पाया है जबकि कई परिवारों के पास ठीक ठाक आवास होने के बावजूद भी उनका चयन आवास के लिये हो रखा है।लेकिन मैं कई बार अपने आवास की फरियाद लेकर तहसील प्रशासन व खण्डविकास अधिकारी के चक्कर काट चुकी हूँ लेकिन आज तक आवास नही मिल पाया ,अपने पास आवास न होने से कुछ साल मायके में रही लेकिन उनकी भी स्थिति ठीक न होने के कारण मजबूरन फिर से ही इस टूटे फ़टे आवास में रहने को विवश है ।
आवासो का चयन करने वाले जनप्रतिनिधियो, अधिकारी व कर्मचारियों को भी चाहिये कि धरातल पर वास्तविक सर्वे कर ऐसे लाचार व असहाय लोगो को वरीयता दे कर चयन किया जाय जिन्हें वास्तविक आवास की जरूरत है ।