केदारनाथ।।जनपद रुद्रप्रयाग में प्रचलित विश्व विख्यात केदारनाथ धाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए अलग-अलग माध्यम हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा एक कठिन यात्रा मानी जाती है। गौरीकुण्ड तक वाहनों के माध्यम से पहुंचने पर तकरीबन 16 कि0मी0 की पैदल चढ़ाई को पार करने के लिए पैदल या डण्डी-कण्डी या घोड़े-खच्चरों के माध्यम से पहुंचा जाता है। यही प्रक्रिया वापसी के समय की भी है। यात्रा के पैदल मार्ग पर संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों के साथ होने वाली क्रूरता की शिकायतें मिलने पर पुलिस के स्तर से सम्बन्धित थाना चौकियों पर अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्यवाही की जाती है। कुछ दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर 02 अलग-अलग वीडियो प्राप्त हुए हैं, जिनमें यह देखा जा सकता है कि सम्बन्धित घोड़ा-खच्चर स्वामियों द्वारा अपने घोड़े/खच्चर की नासिका (नाक) द्वारा सिगरेट पिलायी जा रही है। इस सम्बन्ध में जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस के स्तर से वीडियो की पड़ताल की गयी। इनमें से एक वीडियो जनपद रुद्रप्रयाग के केदारनाथ धाम यात्रा के पैदल मार्ग के पडा़व स्थान भीमबली से ऊपर छोटी लैंचोली स्थित थारू कैम्प नामक स्थान का होना पाया गया है। इस सम्बन्ध में केदारनाथ यात्रा के सुव्यवस्थित संचालन हेतु स्थानीय जिला प्रशासन के स्तर से नियुक्त किये गये सेक्टर अधिकारी द्वारा दी गयी शिकायत के आधार पर सम्बन्धित घोड़ा संचालक के विरूद्ध भा0द0सं0 व पशु क्रूरता अधिनियम की सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना प्रचलित की गयी है।
इस वर्ष के यात्राकाल में जनपद *रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा यात्रा काल में अश्ववंशीय पशुओं के साथ हो रही क्रूरता के सम्बन्ध में कुल 14 अभियोग पंजीकृत किये गये हैं।*
जनपद रुद्रप्रयाग पुलिस न केवल मानव जीवन अपितु पशुओं के प्रति होने वाली क्रूरता के प्रति भी संवेदनशील है।

 

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