-एक रिसर्च स्कॉलर ने भी अपने कैमरे में कैद की हिम तेंदुएं की तस्वीर
उत्तरकाशी-नेलांग घाटी में हिम तेंदुओं की चहलकदमी भी अब कैमरे में कैद होगी। भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) की रिसर्च टीम ने नेलांग घाटी में करीब 65 ट्रैप कैमरे लगाए हैं। यहां पहली बार टीम की एक रिसर्च स्कॉलर ने भी हिम तेंदुए को अपने कैमरे में कैद किया।
देश का तीसरा सबसे बड़ा गंगोत्री नेशनल पार्क हिम तेंदुएं का घर प्राकृतिक घर है। यहां हिम तेंदुए के साथ भरल, लाल लोमड़ी, कस्तूरी मृग, भूरा भालू, अरगली भेड़ सहित कई दुर्लभ वन्यजीव पाए जाते है। भारतीय वन्यजीव संस्थान की टीम वर्ष 2016 से यहां हिम तेंदुओं पर अध्ययन कर रही है। इस अध्ययन में अगल-अलग ऊंचाईयों व प्रवास स्थलों पर हिम तेंदुओं की मौजूदगी, गतिविधि के साथ उनके व्यवहार को लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। भारतीय वन्यजीव संस्थान में वन्यजीव वैज्ञानिक सत्या कुमार ने बताया कि संस्थान की टीम यहां वर्ष 2016 से प्रत्येक वर्ष लगातार ट्रैप कैमरा लगाती आ रही है। बताया कि इस साल दिसंबर माह में संस्थान की टीम ने नेलांग घाटी में कैंप लगाया था। इस दौरान यहां नेलांग और जादूंग क्षेत्र में आईटीबीपी और आर्मी के जवानों की मदद से करीब 65 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं। टीम की सदस्य डा.रंजना पाल ने हिम तेंदुए की गतिविधि को अपने कैमरे में भी कैद किया। वन्यजीव वैज्ञानिक सत्याकुमार ने बताया कि अप्रैल माह में इन ट्रैप कैमरों को निकाला जाएगा। जिससे हिम तेंदुओं की गतिविधियों के साथ नई जानकारी मिलने की उम्मीदें हैं।
पार्क प्रशासन ने भी लगाए हैं 40 कैमरे।
गंगोत्री पार्क प्रशासन ने भी शीतकाल के लिए पार्क के गेट बंद होने से पहले यहां 40 कैमरा ट्रैप लगाए हैं। पार्क के उपनिदेशक रंगनाथ पांडेय ने बताया कि केदारताल, गोमुख ट्रैक, नेलांग घाटी के कारछा, चोरगाड, तिरपानी व नीलापानी तथा भैरोंघाटी, गर्तांग गली आदि में लगाए गए इन कैमरों से भी शीतकाल में वन्यजीवों की गतिविधि के बारे में जानकारी मिलेगी।