चमोली । नाबालिग लड़की से दुराचार के आरोपी को न्यायालय ने दोषी करार देते हुए 10 वर्ष की कठोर कारावास तथा 60 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है ।जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी की अदालत ने नाबालिक लड़की से दुराचार करने के आरोपित थाना चमोली के बछैर गांव निवासी को दोषी पाते हुए पोक्सो अधिनियम के तहत कठोर कारावास एवं 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अर्थदंड अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास का भी दंड दिया गया है। इसके अलावा आईपीसी की धारा 363 एवं 366a में भी कर्मश 5 वर्ष व 7 वर्ष के कठोर कारावास तथा ₹5 – 5 हजार अर्थदंड व अर्थदंड की धनराशि अदा न करने पर दो माह के अतिरिक्त कठोर कारावास से अभियुक्त को दंडित किया है।

सरकार की ओर से मामले की पैरवी कर रहे विशेष अभियोजक पोक्सो मोहन पंत ने बताया कि पीड़िता के पिता द्वारा 18 दिसंबर 2019 को कोतवाली चमोली में अभियुक्त के खिलाफ तहरीर दी गई थी। इसमें बताया गया कि गांव के ही रिश्ते में अभियुक्त उनका भांजा है । 4 दिसंबर 2019 को अभियुक्त उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर कहीं ले गया। काफी खोजबीन करने पर पीड़िता नारायणबगड़ टैक्सी स्टैंड से कुछ दूरी पर अभियुक्त के साथ बरामद हुई । विशेष लोक अभियोजक मोहन पंत बताया कि मामले में अभियोजन द्वारा 10 गवाहों को पीड़िता के साथ हुई घटना के समर्थन में न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने इस आधार पर अभियोजन के तथ्यों को सही पाते हुए अभियुक्त को दोषी पाया ।अभियोजक मोहन पंत ने बताया कि मौजूदा समय में आए दिन बच्चों के साथ लैंगिक अपराधों की घटना बढ़ रही है। इस प्रकार की घटना भविष्य में विकराल रूप धारण कर सकती है। इसलिए माता-पिता व बच्चों को सतर्क रहने की जरूरत है उन्होंने बच्चों पर हो रहे अपराधों से बचने के टिप्स देने की वकालत की।

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