कस्बा रुद्रप्रयाग में दर दर की ठोकरें खा रहे एक युवक के सम्बन्ध में कोतवाली रुद्रप्रयाग पुलिस को सूचना मिली, पुलिस कार्मिक उसके पास पहुंचे तो वह काफी असहज नजर आ रहा था। नाम पता पूछने पर भी कुछ नहीं बता रहा था, बल्कि वह पुलिस से भागना चाह रहा था। अपने अनुभव से पुलिस कार्मिकों को महसूस हुआ कि यह बेचारा किसी न किसी कारण से परेशान जरूर है। उसके पास एक फोन भी था, जिस पर कि सिम तो नहीं थी पर इत्तेफाक से उसमें कुछ नम्बर अवश्य थे। इन फोन नम्बरों पर सम्पर्क किया गया तो सामने से कॉल रिसीव होती है, परन्तु सही से रिस्पान्स नहीं हो पाता है। पुनः कॉल मिलाने पर पुलिस द्वारा इस युवक के हुलिये के बारे में बताते हुए बात की तो सामने वाले की आवाज में अलग ही उम्मीद के भाव सुनाई दिये और कहने लगे साहेब कहां से बोल रहे हैं, और जिसके बारे में बता रहे हो वो ठीक तो है न!!!
हम तो काफी परेशान हो गये थे, पुलिस कार्मिकों द्वारा बताया कि यह हमारे पास सुरक्षित है, परन्तु कुछ भी नहीं बता पा रहा है। पुलिस कार्मिकों से उस व्यक्ति के अनुरोध पर व्हट्सएप वीडियो कॉल की तो इस युवक पर भले ही कुछ फर्क न पड़ा हो पर सामने वाले के भाव समझे जा सकते थे, क्योंकि यह युवक कोई नहीं बल्कि उनके परिवार का बालक था, जो पिछले लम्बे समय से मानसिक रूप से बीमार चल रहा था, परन्तु यह इतनी दूर आ जायेगा ऐसी किसी को उम्मीद नहीं थी। यहाँ की उनको लोकेशन भेजी गयी और बताया गया कि हम लोग उत्तराखण्ड पुलिस से हैं, और आप बेफिक्र होकर आईये।
इस बीच पुलिस ने इस युवक का अच्छे से ध्यान रखा, भोजन करवाया गया। आज परिजनों के आने पर उनके सुपुर्द कराया गया। परिजनों द्वारा युवक का नाम विनायक आत्माराम बोरे पुत्र आत्माराम शंकर बोरे मुम्बई बताया। अपने पाल्य को सकुशल पाकर परिजनों ने रुद्रप्रयाग पुलिस का आभार प्रकट किया गया है।