भव्य देवी रथयात्रा व विशाल मेले के साथ हुआ माँ झूमाधुरी महोत्सव का समापन7000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचा माँ भगवती का रथ।
लोहाघाट :लोहाघाट के प्रसिद्ध मां झूमाधुरी नंदाष्टमी महोत्सव का भव्य देवी रथ यात्रा व विशाल मेले के साथ समापन हो गया है। इस दौरान पाटन-पाटनी और रायकोट महर गांवों से मां भगवती और मां महाकाली की डोला रथ यात्राएं निकली। हजारों श्रद्धालुओं ने मां झूमाधुरी मंदिर में शीश नवाया। बारिश के कारण भी श्रद्धालुओं के उत्साह में कमी नहीं आई।
रविवार को सुबह पाटन पाटनी और राइकोट महर गांवों के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई। दोपहर बाद खड़ी चढ़ाई व उबड़ खाबड़ रास्तों से होकर खड़ी चढ़ाई पार कर बारिश के बीच पाटन पाटनी गांव के पाल देवती मंदिर से मां भगवती का पहला डोला झूमाधुरी मंदिर की ओर निकला। डोले में मां भगवती के डांगर के रूप में अवतरित उमेश चंद्र पाटनी और धन सिंह पाटनी ने श्रद्धालुओं को चंवर झुलाकर आशीर्वाद दिया। खाल तोक में पूजा अर्चना के बाद सीधी खड़ी चढ़ाई में श्रद्धालुओं ने रस्सों के सहारे डोला रथ यात्रा को मंदिर की परिक्रमा कराई। उसके बाद दुर्गम खड़ी चढाई पार करते हुए राईकोट महर गांव से भी बारिश की फुहारों के बीच मां भगवती और महाकाली के डोलो को भक्तों ने रस्सों के सहारे खींचकर करीब 7000 फुट की ऊंचाई पर स्थित मां झूमाधुरी के मंदिर तक पहुंचाया । रथ में सवार भगवती के देव डांगर दान सिंह और मां महाकाली की डांगर राधिका देवी ने भक्तों का आशीर्वाद दिया । क्षेत्र की महिलाएं मां के जयकारे लगाते हुए रथ यात्रा के साथ चल रही थी मंदिर परिसर में रथों की परिक्रमा के बाद पूरा मंदिर प्रांगण भक्तों से भर गया यह मां भगवती की शक्ति का चमत्कार है कि डोला कठिन दुर्गम रास्तों व खड़ी चढ़ाई को पार कर 7000 फुट की ऊंचाई पर मां के दरबार में पहुंचता है। वही खाल तोक में लगे विशाल मेले में कई व्यापारियों ने अपनी दुकान सजाई थी जहां लोगों ने जमकर खरीदारी करी और मेले का आनंद लिया सामाजिक कार्यकर्ता नवीन कारकी व सचिन जोशी के द्वारा भक्तों के लिए निशुल्क पेयजल की व्यवस्था की गई थी मेले को लेकर महिलाओं व बच्चों में काफी जोश देखने में नजर आया ।