बरसात के तांडव के चलते एक बार फिर उत्तराखंड को आपदा का दंश झेलना पड़ रहा है। 2013 में केदारनाथ में आई भयंकर आपदा के ठीक दस साल बाद भारी बरसात के चलते प्रदेश के कौने कौने से लगातार भयावह तस्वीरें सामने आ रही है, जिसको लेकर स्थानीय लोग खौफजदा हैं।

ऐसा ही कुछ विकासनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत जाखण गांव में भी देखने को मिला, जिससे गांव के लोगों के साथ ही आसपास के गांवों के लोग भी सहम गए। दरअसल बुधवार दोपहर लांघा से मदर्सू मोटर मार्ग के बीच जाखण गांव अचानक हुए पहाड़ी से भूस्खलन ने जमकर तांडव मचाया। जिसमें नौ मकान जमींदोज हो गए, तो वहीं सात छानियां भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गई। तो वहीं अन्य मकान क्षतिग्रस्त हो गए जिनमें दरारें पड़ गई।गनीमत यह रही कि दिन का समय होने के कारण गांव के लोग संभल गए और उन्होंने किसी तरह भागकर जान बचाई। वहीं घटना की सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ टीम और स्थानीय पुलिस द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया गया। जिसके चलते एसडीआरएफ टीम ने छानियों में दबे जानवरों को बाहर निकाला और खतरे की जद में आए गांव के अन्य मकानों से ग्रामीणों और उनकी की जरूरत का सामान निकालकर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। वहीं दूसरी ओर आपदा की भेंट चढ़े जाखण गांव का क्षेत्रीय विधायक मुन्ना सिंह चौहान और जिला प्रशासन की टीम के साथ एस एस पी देहरादून दलीप सिंह कुंवर ने जायजा लिया और प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

बहरहाल पूरी तरह भूस्खलन की जद में आए जाखण गांव के बाकी बचे मकानों पर भी खतरा मंडरा रहा है, जिसको देखते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित निकाल कर पष्टा गांव के एक स्कूल में ठहराया गया है। वहीं अब क्षेत्र में हुई इस घटना को देखते हुए आसपास के गांव के लोग भी खौफजदा हैं।

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