केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए आईटीबीपी की एक प्लाटून तैनात ।
मंदिर क्षेत्र में तीन दरवाजों पर तैनात रहेंगे दस-दस जवान
बीकेटीसी की पहल पर गृह मंत्रालय ने दिए आदेश
समिति कर रही जवानों के रहने की व्यवस्था
आगामी अप्रैल तक तैनात रहेगी प्लाटून
रुद्रप्रयाग। भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में ग्याहरवें केदारनाथ धाम की शीतकाल में सुरक्षा के लिए आईटीबीपी की एक प्लाटून तैनात कर दी गई है। प्लाटून में शामिल 30 जवान केदारनाथ पहुंच चुके हैं। भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर आईटीबीपी को मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आगामी अप्रैल तक प्लाटून धाम में रहेगी।
इस वर्ष 27 अक्तूबर को केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए थे। धाम में पुलिस की एक टुकड़ी तैनात है, जो मंदिर की सुरक्षा कर रही है। अब, आईटीबीपी की एक प्लाटून धाम पहुंच गई है, जो आगामी वर्ष यात्रा शुरू होने तक तैनात रहेगी। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने केदारनाथ के कपाट बंद होने के बाद मंदिर की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम के लिए गृह मंत्रालय को पत्र भेजा था। पत्र में कहा गया था कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों को स्वर्णमंडित किया गया है। ऐसे में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम जरूरी है। पत्र का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्रालय ने मंदिर की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए आईटीबीपी को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है। मंदिर समिति के अनुसार, सोमवार को 30 जवान केदारनाथ पहुंच गए हैं। ये जवान पूरे शीतकाल में मंदिर के तीनों द्वार पर ड्यूटी के साथ ही केदारपुरी की रेकी भी करेंगे। आईटीबीपी ने अपना सिस्टम स्थापित कर दिया है। हथियारों से लैस जवान ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
पुलिस अधीक्षक डा. विशाखा भदाणे ने बताया कि कपाट बंद होने के बाद से केदारनाथ में पुलिस की गार्द सहित 20 जवान तैनात हैं। ये जवान मंदिर क्षेत्र सहित पूरी केदारपुरी का जायजा ले रहे हैं।शीतकाल में केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए गृहमंत्रालय को पत्र भेजा था, जिसके तहत अब आईटीबीपी की एक प्लाटून की तैनाती कर दी गई है। बीते सोमवार को यह प्लाटून धाम पहुंच गई है, जो आगामी अप्रैल माह तक वहां रहेगी। जवानों के रहने व भोजन की व्यवस्था मंदिर समिति द्वारा की जा रही है।
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