भाजपा अधिकृत जिलापंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी ने किया नामंकन ।।
तीन माह पूर्व अध्यक्ष पद से दिया था त्यागपत्र ।
18 जिलापंचायत सदस्यों में से 14 सदस्य लाये थे अविश्वास प्रस्ताव ।
तीन माह बाद भाजपा संगठन ने फिर बनाया प्रत्याशी।
कांग्रेश पार्टी से ज्योति देवी सुमाड़ी वार्ड ने एक बार फिर नामंकन किया ।
रुद्रप्रयाग। एक बार फिर रुद्रप्रयाग जिलापंचायत अध्यक्ष का पद चर्चाओं में आ गया है जिस पद से तीन माह पूर्व त्यागपत्र दिया गया ।आज उसी पद के लिये फिर से दावेदारी कर ली गयी हैं ।जिस पद को तीन माह पूर्व भाजपा संगठन बचाने में नाकाम साबित हुआ ,फिर उसी पद के लिये उन 14 सदस्यों पर घेराबन्दी की जा रही है ।ये सवाल उठ खड़ा हो रहा है इन तीन महीनों में विरोध करने वाले सदस्यों ने ऐसा क्या कुछ चमत्कार देखा जो फिर से पूर्व में त्यागपत्र देने वाले के पक्ष में मतदान करने के लिये खड़े होंगे ।आम जनता भी जान ना चाहती है जंहा एक और उत्तराखण्ड सरकार भर्तियों के भ्र्ष्टाचार के भंवर में फंसी पड़ी है वही जिस जिलापंचायत अध्यक्ष के खिलाफ 18 में से 14 सदस्य अविश्वास लाये है उसे भाजपा संगठन के द्वारा फिर से अधिकृत कर दिया जाता है
।क्या एक बार बगावती जिलापंचायत सदस्यों की खरीद फरोख्त में महारथ हाशिल होने वाली है ।ये आने वाले 20 अक्तूबर को रुद्रप्रयाग में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उप चुनाव में देखा जा सकता है, जिसमें पूर्व अध्यक्ष अमरदेई शाह के सिर पर फिर से अध्यक्ष का ताज सज सकता है। भाजपा ने शाह को अपना प्रत्याशी बनाया है। पार्टी के लिए यह उप चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल भी बन गया है। 18 सदस्यीय जिला पंचायत सदन में अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति महिला के आरक्षित है और जिला पंचायत सदस्य शाह समेत तीन महिलाएं संबंधित आरक्षित वर्ग से हैं। आरक्षण के हिसाब से अध्यक्ष पद के लिए तीन उम्मीदवार हैं। जिसमें, कंडाली वार्ड सदस्य ने पहले ही बजीरा वार्ड सदस्य अमरदेई शाह को अपना समर्थन दे दिया है। शाह को भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है,
दूसरी तरफ सुमाड़ी वार्ड से निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य ज्योति देवी,ने भी नामांकन कर दिया हैं यह देखने लायक है।कांग्रेश पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में कितने निर्दलीय सदस्य रहते है अगर, वह मैैदान में रहती हैं, तो चुनाव रोचक हो सकता है। लेकिन, अगर वह संख्या बल कम होने के कारण नामांकन के बाद नाम वापस करती है तो शाह के सिर फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज सज सकता है। भाजपा इस बार किसी भी स्तर से कोई कमी नहीं रखना चाहती है। सूत्रों की मानें तो जिला से लेकर राज्य संगठन भी पूरे प्रकरण पर नजर रखे हुए हैं और गिले-शिकवे भूलकर सभी को एक करते हुए फिर से नई पारी की शुरूआत की रणनीति तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि कई जिला पंचायत सदस्यों को जिले से बाहर अन्यत्र स्थानों पर ठहराया गया है, जिससे उनसे अन्य संपर्क नहीं कर सके। यह सदस्य अब, सीधे उप चुनाव के लिए होने वाले मतदान में ही शामिल होंगे।
जिला पंचायत अध्यक्ष रही अमरदेई शाह के खिलाफ विरोधी स्वर उठाने वालों में भाजपा समर्थित सदस्य भी शामिल थे। 18 सदस्यीय सदन के 14 सदस्यों ने उनके खिलाफ रोष जताया था। बीते जून में इन सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर हस्ताक्षरयुक्त शपथ पत्र डीएम को सौंपा था। डीएम के सम्मुख सदस्यों का भौतिक सत्यापन के बाद जिला न्यायाधीश ने 2 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के निर्देश दिए थे। लेकिन मतदान से पहले एक जुलाई की देर शाम को ही अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देकर डीएम को सौंप दिया था। इसके बाद पंचायती राज एक्ट के तहत जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमंत तिवारी को अध्यक्ष पद के दायित्वों को निभाने की जिम्मेदारी सौंपी गईं थी।