देहरादून। गृह मंत्री अमित शाह जल्द ही उत्तराखंड में चुनावी सभा के जरिये हलचल बढ़ाएंगे। लेकिन उनके आने से पहले राजस्थान में भाजपा कार्यकर्ताओं से कही एक खास बात ने उत्तराखण्ड की राजनीति गरमा गई है।

बता दें कि बीते दिनों जोधपुर के दौर पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जो डर भागकर भाजपा में आ रहे,उन्हें कुछ नहीं मिलेगा..वे आपकी जगह नहीं ले सकता। भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह के इस बयान के उत्तराखंड में वॉयरल होने के बाद कांग्रेस व अन्य दलों से थोक के भाव भाजपा में आये दल बदलुओं में हलचल मची हुई है।

 

दरअसल,बीते काफी समय से कांग्रेस के काल में रहे पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, राजेन्द्र भण्डारी समेत कई पूर्व विधायक ,ब्लाक प्रमुख व निकाय-पंचायत प्रतिनिधि भाजपा में शामिल हुए। इनमें कुछ नेता व उनके परिजन भ्र्ष्टाचार से जुड़ी कई ममलों में फंसे हुए हैं। और कई नेता अपने व्यापारिक व अन्य हितों पर चोट पहुँचने की वजह से भी कांग्रेस में शामिल हो गए।

चुनावी बेला में इन विपक्षी नेताओं के भाजपा में आने से पार्टी की कई सीटों के समीकरण गड़बड़ा गए। निकाय,पंचायत व विधानसभा की सीटों पर कई दावेदार इकठ्ठा हो गए। इन नेताओं की आमद से कई पुराने भाजपाई अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर पसोपेश में हैं। नये मेहमानों के स्वागत के साथ ब्लड प्रेशर भी बढ़ गया।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा में भर्ती अभियान में क्षेत्र विशेष से जुड़े बड़े नेताओं को भी विश्वास में नहीं लिया गया। नतीजतन, कई नेता अपनी उपेक्षा व पार्टी समर्थकों के राजनीतिक भविष्य को लेकर गहरी चिंता में है। आने वाले दिनों में निकाय,पंचायत व विधानसभा चुनावों में एक सीट पर कई उम्मीदवार खड़े दिखाई देंगे। 2016 की काँग्रेस में हुई टूट के बाद कई भाजपाइयों को मंत्री बनने के लाले पड़ गए। और ‘समझौते’ के तहत भाजपा ने पार्टी में शामिल हुए कई कांग्रेसियों को मंत्री बना उचित सम्मान दिया। इसे लेकर भी निष्ठावान भाजपाइयों की कुढ़न कई बार सामने भी आयी।

इस बार भी सैकड़ों की संख्या में आये कांग्रेसियों की वजह से भाजपा में कसमसाहट साफ देखी जा रही है। कमोबेश यही हालात अन्य राज्यों में भी नजर आ रहे है। लिहाजा, राजस्थान के चुनावी दौरे पर गए गृह मंत्री अमित शाह को पार्टी बैठक में कहना पड़ा कि- जो लोग डरकर या भाग-भागकर भाजपा में शामिल रहे हैं, उन्हें कुछ नहीं मिलेगा। आपकी जगह कोई नहीं ले सकता।

इस बयान के उत्तराखण्ड में वॉयरल होने के बाद विपक्षी खेमे से आये नेताओं में अपने भविष्य को लेकर कुलबुलाहट देखी जा रही है। और भाजपा के पुराने सिपाही पूर्व में ‘कांग्रेसियों’ को मिले अति सम्मान से खुद के मारे गए हक को याद कर शाह की ओर से मिले ताजे भरोसे के बाद भी उलझन में है..

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