जिस विभाग की जमीन पर रिजॉर्ट बना था क्या उस विभाग की संलिप्तता की जांच नही होनी चाहिये।
हाकम सिंह के रिजॉर्ट बनाते समय उसके ऊपर किस सफेदपोश का हाथ था क्या उसकी जांच नही होनी चाहिये ।
क्या हाकम के रिजॉर्ट ध्वस्तीकरण होने से हाकम को सरंक्षण देने वालो को बचाया जा रहा है ।
नरेश भट्ट ।।
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में भर्ती घोटाले के मास्टर माइंड हाकम सिंह का रिजॉर्ट अब कैसे सरकार की नजरों में अवैध हो गया। जबकि यह पहले से ही 85 फीसदी वन भूमि पर अतिक्रमण कर बनाया गया था। लेकिन, सिस्टम ने आंख मूंद रखी थी। इस रिजॉर्ट को ध्वस्त करने से सरकार को मिला, यह सवाल हर किसी के जेहन में तैर रहा है।
उत्तरकाशी जनपद के मोरी ब्लॉक के सांकरी में बना हाकम सिंह का रिजॉर्ट को सरकार के आदेश पर प्रशासन, पुलिस की मौजूदगी में ध्वस्त कर दिया गया है। लेकिन सरकार की यह कार्रवाई कई सवाल भी छोड़ गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी की तर्ज पर बुल्डोजर से धामी सरकार उत्तराखंड में अतिक्रमणकारियों पर नकेल कसना चाह रही है। लेकिन अभी तक यह कार्रवाई दो बड़े मामलों में सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर गई है। पहला, अंकिता भंडारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित के रिजॉर्ट पर बोल्डोजर चलाती है, जबकि वहां हत्या से जुड़े कई सबूत थे।
लेकिन आनन फानन में रिजॉर्ट तोड़ने की कार्रवाई के साथ, आग भी लग जाती है। वहीं अब भर्ती घोटाले के मास्टर माइंड हाकम सिंह का रिजॉर्ट को ध्वस्त किया गया है। भारी भरकम फोर्स की मौजूदगी में सरकार की यह कार्रवाई गले नहीं उतर रही है। यह ठीक है की यह रिजॉर्ट वन भूमि में अवैध था। लेकिन जब यह बन रहा था, तब क्यों कार्रवाई नहीं की गई। अब, ही नापजोख में वन विभाग को अपने मुनरे टूटे नजर आ रहे हैं। जब, यहां देवदार के हरे हरे पेड़ों को काटकर और उन्हें तराश कर रिजॉर्ट में लग रहे थे, तब क्यों सिस्टम आंख मूंदे हुए था। बनने के बाद इस रिजॉर्ट में प्रदेश और जनपद के कई वीवीआईपी, वीआईपी भी रुके, लेकिन किसी को यह अवैध नहीं लगा। अब, इस रिजॉर्ट पर बुल्डोजर चलाया गया, तो इसका क्या लाभ मिला। क्या, उन युवाओं का भविष्य संवर जाएगा, जो हाकम सिंह लील चुका है। क्या, उन युवाओं का कठिन परिश्रम, कुछ बनने के सपने, उम्मीदें, उन्हें वापस मिल जाएंगे। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।