उत्तराखण्ड में हर दिन गुलदार की घटनाएं सामने आती रही है ।कभी मवेशियों को तो कभी इंसान को अपना निवाला बनाते जा रहे ।ग्रामीण गुलदारों को पकड़ने की बात तो करते है लेकिन वन विभाग पकड़ने के बाद दूसरे क्षत्रो में छोड़ कर गुलदार पुनः तांडव करना शुरू कर देते हैं ।जिससे ग्रामीण क्षेत्रो में हमेशा भय का माहौल बना रहता है ।एक हप्ते से लगातार उत्तराखण्ड के पहाड़ी जिलो से गुलदार द्वरा बच्चे बुजुर्ग को अपना निवाला बनाता जा रहा है लेकिन वन विभाग द्वारा कोई नियंत्रण  ही किया जा रहा है अल्मोड़ा में पिछले 48 घण्टो में लगातार दो लोगो की जीवन लीला का गुलदार समाप्त कर चुका है ।पर्वतीय क्षेत्रों में मानव-गुलदार टकराव ने चिंता बढ़ा दी है। अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट में मां-बेटे समेत तीन से आमना सामना होने के बाद इसी ब्लाक के दैना गांव में गुलदार ने बुजुर्ग ग्रामीण को मार डाला। घटना के करीब 18 घंटे बाद बुजुर्ग का क्षतविक्षत शव बरामद किया गया है। शरीर का आधा हिस्सा गुलदार खा चुका था।इधर, नाराज ग्रामीणों ने शव नहीं उठाने दिया। डीएफओ महातिम सिंह यादव के हिंसक वन्यजीव को मानवजाति के लिए खतरा मान वन्यजीव प्रतिपालक को अवगत कराने व पिंजड़ा लगाने पर ही गांव वाले माने।

मामला मंगलवार शाम को तहसील क्षेत्र में कालीगाढ़ पट्टी की कुंवाली घाटी स्थित दैना गांव का है। यहां के 65 वर्षीय मोहन राम पुत्र स्व. प्रेमराम घर से करीब सौ मीटर दूर निचले भूभाग पर गाय को घर लाने के लिए निकले। तभी झाड़ियों में पहले से घात लगाए गुलदार ने बुजुर्ग पर हमला बोल दिया। मोहन राम को मार डालने के बाद वह उसे गधेरे की ओर घसीट ले गया।

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