रुद्रप्रयाग। शनिवार को आपदा सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा, आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय और विधायक केदारनाथ शैला रानी रावत ने गौरीकुंड में भूस्खलन एवं आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भूस्खनल में लापता एवं मृत लोगों के सर्च एवं खोजबीन कार्यों का जायजा लिया। साथ ही समस्त टीम को प्राथमिकता के रेस्क्यू कार्य करने के निर्देश दिए।केदारनाथ यात्रा मार्ग के गौरीकुंड डाटपुलिया के समीप हुई घटना में लापता एवं मृत लोगों के प्रति सभी ने शोक संवेदना प्रकट की। साथ ही खोजबीन कार्यों का सचिव ने जायजा लेते हुए जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का कार्यक्रम प्रस्तावित था किंतु खराब मौसम के कारण मुख्यमंत्री का आना संभव नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने इस दुखद घटना पर दुख प्रकट करते हुए लापता एवं मृत हुए व्यक्तियों के प्रति संवेदना व्यक्त की है तथा सरकार इस घटना में मृत एवं लापता व्यक्तियों के परिजनों को सरकार द्वारा हरसंभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने सर्च आॅपरेशन एवं खोजबीन कार्यों में लगे आपदा प्रबंधन की टीमों को निर्देशित करते हुए कहा कि इस घटना से जो लोग लापता हैं उनकी तत्परता से खोजबीन करते हुए उनकी पहचान की जाए ताकि सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सहायता राशि उनके परिजनों को उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि जो लोग असुरक्षित एवं संवेदनशील क्षेत्रों में हैं उन्हें उस स्थान से शीघ्र हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों के लिए सर्वे के लिए टीम भेजी जाएगी जो इसका आंकलन करते हुए जो भी उचित कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।असुरक्षित एवं संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वालों को शीघ्र हटाने के निर्देशइस मौके पर आयुक्त गढवाल मंडल विनय शंकर पांडेय ने कहा कि भू-स्खलन के कारण जो लोग लापता हैं उनका सर्च रेस्क्यू अभियान चलाते हुए उनकी खोजबीन का कार्य प्राथमिकता से किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार भू-स्खलन के कारण लापता एवं मृत व्यक्तियों के परिजनों के साथ है। उन्होंने कहा कि जैसे ही मृत व्यक्तियों के शव प्राप्त कर उनकी शिनाख्त हो जाती है तो उनके परिजनों को मानक के अनुसार सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी। केदारनाथ विधायक शैला रानी रावत ने कहा कि इस आपदा से लापता/मृत व्यक्तियों के प्रति दुःख व्यक्त करते हुए संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र आपदाग्रस्त क्षेत्र है तथा आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है। इसके लिए उन्होंने इस क्षेत्र के लिए सरकार से विशेष पैकेज देने की भी मांग की तथा इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी प्रकार की कोई जानमाल की हानि न हो इसके लिए उचित प्रबंधन किया जाए। उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा स्थानीय लोगों का रोजगार का साधन है तथा जिन लोगों के ढाबे हटाए जा रहे हैं उनका भी विशेष ध्यान रखा जाए।

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