प्रशिक्षण कार्याशाला के दूसरे दिन अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुदियाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्याशाला का शुभारंभ किया गया।*
दूसरे दिन आज प्रशिक्षण कार्याशाला में आपदा प्रबंधन, सूचना अधिकार अधिनियम एवं सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत उपस्थित जिला स्तरीय अधिकारियों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया।*दूसरे दिन प्रशिक्षण कार्याशाला का शुभारंभ करते हुए अपर जिलाधिकारी वीर सिंह बुदियाल ने कहा कि डाॅ. आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासनिक अकादमी नैनीताल का मुख्य उद्देश्य है कि सुदूरवर्ती जिलों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सूचना अधिकार अधिनियम एवं सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें जो कार्यशाला के माध्यम से जो भी प्रशिक्षण एवं जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है उसको सभी अधिकारी संवेदनशीलता के साथ ग्रहण करें तथा किसी भी तरह की कोई शंका है तो उसका समाधान प्रशिक्षण के समय ही संबंधित अधिकारियों से उसका समाधान कर लिया जाए।प्रथम सत्र में सूचना अधिकार अधिनियम के संबंध में राज्य सूचना आयुक्त विपिन चंद्र ने आॅनलाइन माध्यम से उपस्थित लोक सूचना अधिकारियों एवं अपीलीय अधिकारियों को सूचना अधिकार अधिनियम के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम का मुख्य उद्देश्य है कि सरकारी तंत्र द्वारा पारदर्शिता के साथ आवेदनकर्ता को सूचना उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि आवेदनकर्ता द्वारा जिस सूचना की मांग उसके द्वारा की जा रही है वह उसे समयबद्धता के साथ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी कहा कि जिस सूचना में शुल्क की डिमांड की जाती है तो उसमें एक सप्ताह के भीतर आवेदनकर्ता को शुल्क उपलब्ध कराए जाने के लिए अनिवार्य रूप से पत्र प्रेषित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आवेदनकर्ता सीडी में सूचना उपलब्ध करता है तो उसके लिए निर्धारित शुल्क 20 रुपए में सूचना उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई।
दूसरे सत्र में आयुक्त सेवा का अधिकार अधिनियम डीएस मनराल ने सेवा का अधिकार अधिनियम के बारे में अवगत कराया है कि 2011 में सेवा का अधिकार लागू किया गया है तथा वर्ष 2014 में इसमें कुछ संशोधन किया गया है एवं अप्रैल, 2023 में भी कुछ और महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार के तहत निरंतर सेवाएं बढ़ रही हैं तथा सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्ति द्वारा जो भी सेवाएं उपलब्ध कराए जाने हेतु आवेदन किया जाता है उसे समयावधि के अंतर्गत उपलब्ध कराना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत 48 विभाग सम्मिलित हैं जिसमें 855 सेवाओं को अधिसूचित किया गया है। जिसमें राजस्व विभाग द्वारा 35 सेवाएं, परिवहन विभाग की 58, कृषि विभाग की 36, वन विभाग की 28, आयुर्वेदिक की 23, उच्च शिक्षा की 33 सेवाएं शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के सभी अभिलेख समय से अपडेट कर दिए जाएं तथा किसी भी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के देयकों में अनावश्यक विलंब न किया जाए। उन्होंने कहा कि सेवा का अधिकार के तहत पदाभिहीत अधिकारी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है जिसमें उनसे प्राप्त होने वाले आवेदनों पर स्वयं द्वारा उनकी गहन समीक्षा करते हुए समयवधि के अंतर्गत सूचना उपलब्ध कराना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि सूचना में किसी भी प्रकार का विलंब एवं लापरवाही बरती जाती है तो संबंधित के विरुद्ध 5 हजार तक का अर्थदंड भी आरोपित किया जा सकता है। उन्होंने सभी अधिकारियों को सचेत किया है कि सभी अधिकारी सेवा का अधिकार अधिनियम की भली-भांति अध्ययन कर उनके अधीन उपलब्ध कराई जाने वाली सेवाओं को समय सीमा के अंतर्ग उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।कार्यशाला में नवीन पनेरू प्रभारी कुमांऊ विश्वविद्यालय ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी देते हुए कहा कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कुल 31 धाराएं हैं तथा सभी को इन धाराओं के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है तभी हम सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदक द्वारा चाही गई सूचनाओं को सरलता से उपलब्ध कराई जा सकती हैं। उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर संयुक्त निदेशक प्रशासनिक अकादमी नैनीताल ने आयुक्त लोक सेवा आयोग को स्मृति चिह्न एवं शाॅल भेंट कर सम्मानित किया गया।प्रशिक्षण कार्याशाला में संयुक्त निदेशक प्रशासनिक अकादमी नैनीताल महेश कुमार, जिला विकास अधिकारी अनिता पंवार, उप जिलाधिकारी जखोली परमानंद राम, जिला उद्यान अधिकारी योगेंद्र सिंह चौधरी, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, जिला आबकारी अधिकारी दीपाली शाह सहित लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी भी मौजूद रहे।