वर्ष 2018 से 2021 तक रुद्रप्रयाग जिले में 51 विद्यालय बंद।
रुद्रप्रयाग – उत्तराखण्ड सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने के भले ही लाख दावे क्यो न करे जिस प्रकार से उत्तराखण्ड के अलग अलग जनपदों प्रति वर्ष सरकारी विद्यालय बंद हो रहे हैं ।उससे साफ जाहिर होता है की आज भी अभिभावक अपने पाल्यो का भविष्य प्राइवेट विद्यालयों शिक्षा पर विश्वास करते आ रहे हैं ।उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सरकारी शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिये आये दिन आमूल चूल परिवतर्न किये जाते हैं लेकिन सरकारी विद्यालयों की घटती छात्र संख्या को नही रोक पाती है । रूद्रप्रयान जनपद में वर्ष 2018 से 2021 तक 51 सरकारी विद्यालय कम छात्र संख्या के कारण अबतक बंद हो चुके हैं ।जो शिक्षा के क्षेत्र में जनपद के लिये एक दुःखद खबर जैसी है । विद्यालयों को खोलने के लिये किसी जनप्रतिनिधि व अधिकारियों ने कभी जीतोड़ प्रयास किया होगा ।सरकारी विद्यालयों में लाखों रुपये खर्च होने के बाद भी इन विद्यालयों में छात्र प्रवेश नही ले रहे हैं तो इस पर सरकारों को भी ध्यान देना आवश्यक है ।जिस प्रकार से आये दिन गांवों के विद्यायल बंद हो रहे हैं ये सबके लिये एक चिन्तन का विषय अवश्य है ।
रूद्रप्रयाग जनपद में 2018 से लेकर 2021 तक जो 51 विद्यालय बंद हुए हैं उनमें सबसे ज्यादा विकास खण्ड अगस्त्यमुनि के है ।इन 51 विघालय में 43 विघालय राजकीय प्राथमिक विघालय और 7 जूनियर विघालय है।
रूद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि विकास खण्ड़ के प्राथमिक और जूनियर मिलाकर 28विघायल है उखीमठ 13 विघालय जखोली विकास खण्ड के 10 विद्यालय बंद हो चुके हैं। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण से लेकर इन 22 वर्षो में अलग अलग सरकारों ने शिक्षा के क्ष्ेात्र में सुधार के लिए प्रयास तो किये हैं लेकिन वे भी धरातल पर 50 प्रतिशत भी नहीं उतर पाए है। यदि शिक्षा में किये गए परिवर्तन धरातल पर दिखाई देते तो शायद ये स्थिति कुछ और देखने को मिलती ।और इतनी बड़ी संख्या में सरकारी विद्यालय बंद हो पाते होते। सवाल ये नही की सरकारी बंद हो रहे हैं बंद विद्यालयों से आने वाली पीढ़ी के शिक्षित बेरोजगारों के लिये रोजगार के रास्ते भी धीरे धीरे बंद होते जा रहे हैं ।इन सब के लिए सरकार ही जिम्मेदार नही बल्कि सरकारी नोकरी की चाहत रखने वाले ,सरकारी नोकरी करने वाले व गांव गली से पलायन करने वाले लोग भी है जो स्वयम की पढ़ाई पर विश्वास न करके अपने बच्चों को प्राइवेट विद्यालय पढ़ाई करवाते ,वे सभी लोग बंद हो रहे विधालयो के लिये जिम्मेदार है ।
जनपद में बंद हो रहे विद्यालयों के बारे जब हमने जिला शिक्षाधिकारी प्रा0शिक्षा NS बर्तवाल से पूछा तो उन्होने कहा कि ये आकंडा 2018 से गिरते आ रहे है और 2021 तक 51विघायल बंद हुए है। इन 51 बंद विद्यालयों में से दो विद्यालय फिर से खुलने जा रहे है।जिनकी खोलने की प्रक्रिया गतिमान चल रहे हैं ।जो हम सभी जनपद वासियों के लिये एक सुखद समाचार है । इनका प्रस्ताव शासन में जा रखा है। जिस प्रकार से स्कूल का बंद होने का प्रस्ताव जाता है ठीक उसी प्रकार बंद हुए विद्यालय को खोलने लिए भी उसी प्रक्रिया से चलना होता है।