देवरियाताल मेले में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की झांकिया रही आकर्षण का केंद्र ।

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  1. रुद्रप्रयाग -दो साल लगातार कोविड के कारण जनपद में किसी भी मेले का आगाज नही हो पाया है ।रुद्रप्रयाग में पर्यटक की दृष्टि से अनेकों ऐसे स्थान है जहां क्षेत्रीय जनता के द्वारा अपनी परम्परा व बोली भाषा व संस्कृति के अनुसार मेलो का आयोजन होता है।

विकासखण्ड उखीमठ का देवरियताल मेला मद्दमेश्वर घाटी का प्रसिद्ध मेला हुआ करता है जो कि वर्षो से क्षेत्र के लोग भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर यंहा पर

लगाते है ।देवरियताल मेले में स्थानीय लोगो के साथ देश व प्रदेश से अनेकों लोग इस पर्यटक स्थल पहुंचते हैं ।देवरियताल पर्यटन की दृष्टि से  उत्तराखण्ड में अपनी  अलग पहचान  रखता है ।इस स्थान पर पर्यटकों का साल भर आना जाना होता है । इस स्थान की प्राकृतिक छटा पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती रहती है । आज देवरियताल मेले में तीन गांवों के द्वारा श्री कृष्ण भगवान की झांकिया मेले में मुख्य आकर्षण का केंद्र रही है ।

ऊखीमठ की महिला मंगल दल एवं स्कूली छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक का देर शाम तक समा बांधे रखा। कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य पर तीस लोगों को सम्मानित भी किया गया।

देवरियाताल महोत्सव में विधायक प्रतिनिधि भाजपा जिला महामंत्री अनूप सेमवाल, मेला समिति के अध्यक्ष चंडी प्रसाद भटट, मेलाधिकारी एसडीएम जितेन्द्र वर्मा, नगर पंचायत ऊखीमठ अध्यक्ष विजय राणा, हेमा पुष्पाण ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मेले में भूतनाथ मंदिर सारी, नागराजा मंदिर गेड मनसूना एवं ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ क्षेत्र से पहुंची भगवान श्रीकृष्ण की झांकियां चार किमी खड़ी चढ़ाई पार करने के बाद देवरियाताल पहुंची। श्रीकृष्ण की तीनों झांकियों के साथ विभिन्न पारंपरिक परिधानों में पहुंची महिलाओं ने मांगल गीतों एवं भजनों के साथ देवरियाताल की परिक्रमा कीएजो भक्तों के आकर्षक का केन्द्र रही।इस दौरान भक्तों के जयकारों से क्षेत्र का पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा।

 

देवरियाताल में आयोजित कार्यक्रम में विधायक प्रतिनिधि अनूप सेमवाल ने कहा कि यह मेला क्षेत्रीय लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है। जिसके संरक्षण के लिए सभी लोगों को आगे आने की जरूरत है।

मेलाध्यक्ष चंडी प्रसाद भटट ने कहा कि दो वर्षो तक कोविड के चलते मेला स्थगित रहाएलेकिन इस मेले को भव्य रूप दिया गया।कहा कि नाग देवता के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्वार किया जाएगा प्रयास किया जाएगा।ताल की सुरक्षा के लिए रेलिंग लगाने की मांग की। मेलाधिकारी एसडीएम ने कहा कि संस्कृति विभाग के तहत मेले को मनाया जा रहा है।कहा कि संवेदनशील स्थान होने के कारण वन विभाग के सहयोग से देवरियाताल की सुन्दरता को बनाए रखने के लिए प्लास्टिक उन्मूलन किया जा रहा है।

उत्तराखंड संस्कृति विभाग के कलाकारों के साथ.साथ महिला मंगल दल एवं युवक मंगल दल एवं स्कूली छात्रों की ओर से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। इस दौरान गायक सौरभ मैठाणी ने तू रेंदी मां भजन एवं जागर गायिका रामेश्वरी भटट की जागर ने भक्तों को झूमने पर मजूबर कर दिया। जिला प्रशासन एवं वन विभाग के सहयोग से रिसाइकल कंपनी ने यात्रा मार्ग पर क्यू आर कोड से प्लास्टिक निस्तारण से प्लास्टिक कूडा एकत्रित किया।

इस अवसर पर मेला सचिव चन्द्रमोहन उखियाल व प्रकाश रावतए आचार्य कृष्णानंद नौटियालएबबलू जंगलीएजिपंस विनोद राणाएसारी प्रधान मनोरमा देवीएसंदीप पुष्पाणए जीएस भटटएव्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव भटटएमनोज नेगीएसदानंद भटट समेत कई सैकडों भकतजन उपस्थित थे।

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