दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण का विरोध,
दिवंगत विधायक शैलारानी की मौत के दिन हुआ दिल्ली में केदारनाथ मंदिर का शिलान्यास,
केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज में आक्रोश, केदारघाटी की जनता भी हुई लामबंद,
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ केदारघाटी में लगे नारे,
गढ़वाल-कुमाऊं की राजनीति करने का लगाया अरोप,
रुद्रप्रयाग। दिल्ली में केदारनाथ मंदिर निर्माण को लेकर तीर्थ पुरोहित समाज एवं केदारघाटी की जनता में आक्रोश पनप गया है। उनका कहना है कि दिवंगत केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत के देहरादून में निधन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उन्हें श्रद्धांजलि देने के तुरंत बाद सीधे दिल्ली गए और उन्होंने वहां केदारनाथ मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया। केदारनाथ विधायक के अंतिम संस्कार से पहले इस तरह से केदारनाथ मंदिर का शिलान्यस करना, किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है। वहीं केदारघाटी की जनता ने सीएम धामी पर गढ़वाल-कुमाऊं की राजनीति करने का भी आरोप लगाया। चारधाम महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने कहा कि केदारनाथ विधायक की मौत के बाद उनके अंतिम संस्कार होने से पहले ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली जाकर केदारनाथ धाम निर्माण को लेकर शिलान्यास किया। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि केदारनाथ क्षेत्र की विधायक की मौत के दिन ही दिल्ली में मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया गया। केदारनाथ धाम से शिला ले जाकर दिल्ली में स्थापित करके सीएम धामी ने धाम की परम्परा के साथ खिलवाड़ किया है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।

केदारघाटी की जनता जहां दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर निर्माण को लेकर आक्रोश मंें है, वहीं उन्होंने सीएम धामी पर गढ़वाल-कुमाऊं की राजनीति करने का आरोप भी लगाया। युवा सामाजिक कार्यकर्ता पवन राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी गढ़वाल क्षेत्र के साथ भेदभाव कर रहे हैं। केदारनाथ धाम की यात्रा में पंजीकरण की अनिवार्यता करके हजारों तीर्थयात्रियों को कुमाऊं के धामों में भेजा गया। इससे केदारनाथ धाम की यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली। उन्होंने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र के लोगों के रोजगार को लेकर सरकार ने कोई भी ठोस प्रयास नहीं किए हैं, जो रोजगार केदारनाथ धाम की वजह से है, उसे भी छिनने का प्रयास किया जा रहा है। केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को बेवजह कुमाऊं के मठ-मंदिरों में भेजा जा रहा है, जिससे गढ़वाल क्षेत्र के लोगों का रोजगार ठप हो गया है।

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