देहरादून। उत्तराखंड पुलिस ने सिटी पेट्रोलिंग यूनिट (सीपीयू) का गठन इस मंशा के साथ किया था कि वह नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखेगी लेकिन हुआ ठीक उलट ।

यातायात व्यवस्था सुधारने के बजाय सीपीयू का ध्यान हर समय वाहन चालकों का चालान करने पर रहता है। यह लापरवाही 25 दिसंबर को क्रिसमस पर पुलिस अधिकारियों ने भी देखी।

इसका संज्ञान लेते हुए यातायात पुलिस के उच्च अधिकारियों ने दून में सीपीयू और यातायात पुलिस में तैनात 23 दारोगाओं की चालान मशीन जब्त कर ली है। अब वह चालान नहीं कर पाएंगे। उन्हें सिर्फ यातायात का सही ढंग से संचालन करने को कहा गया है। राजधानी में जाम की समस्या दिनों-दिन विकराल होती जा रही है।

इसको लेकर प्रशासन से लेकर शासन तक के अधिकारी परेशान हैं। लेकिन, यातायात में तैनात पुलिसकर्मी ही यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने को गंभीरता नहीं दिखा रहे, विशेषकर सीपीयू जिसका एक अप्रैल 2014 को गठन ही इस उद्देश्य के साथ किया गया था। यह लापरवाही 25 दिसंबर को क्रिसमस पर पुलिस अधिकारियों ने भी देखी, जब वह शहर भ्रमण पर निकले।

पुलिस अधिकारियों ने क्रिसमस पर पर्यटकों की भीड़ जुटने की संभावना को देखते हुए सीपीयू और यातायात पुलिस को व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए थे, लेकिन जब अधिकारी शहर में निकले तो पाया कि सीपीयू और यातायात पुलिस जाम खुलवाने के बजाय चालान काटने में जुटी है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो देहरादून में यातायात पुलिस ने वर्ष 2021 में 1,07,886 चालान कर 6.55 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला, जबकि वर्ष 2022 में चालान की संख्या बढ़कर 1.19 लाख पहुंच गई और करीब नौ करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया। वर्ष 2023 में 1.90 लाख चालान से 13 करोड़ से अधिक जुर्माना

यातायात समस्या को देखते हुए हमारी प्राथमिकता इस समस्या यातायात की तरफ ध्यान देना है ना कि, चालान करना। प्रयास हैं कि भीड़भाड़ के समय यातायात व्यवथा की तरफ ध्यान दिया जाए, जिस समय यातायात कम हो उस समय चालान किया जाए।

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