मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह  धामी ने 1 सितंबर 1994 खटीमा गोलीकांड की 29 वीं वर्षगांठ पर  शहीदों को श्रद्धांजलि की  अर्पित ।

1 सितंबर 1994 का ही वो काला दिन था जब हजारों आंदोलनकारी उत्तराखण्ड राज्य की मांग को लेकर खटीमा की सड़कों पर उतरे।

जब वह शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे थे उस समय अचानक उनके ऊपर गोलियों की वर्षा शुरू कर दी जिसमें 7 आंदोलनकारियों ने अपनी शहादत दी थी।

इस आंदोलन में महिलाएं अपने बच्चों तक को लेकर सड़कों पर उतर आयी थीं।

खटीमा गोलीकांड की आग खटीमा से लेकर मसूरी और मुजफ्फनगर तक फैल गई थी।

इस खटीमा गोलीकांड में सात लोंगों की शहादत हुई और लगभग 165 से ज्यादा आंदोलनकारी गंभीर रूप से घायल भी हुए थे।

महिलाओं पर भी पुलिस ने अत्याचार किये पर इन सब अत्याचारों के बावजूद भी महिलाएं इस आंदोलन में डटी रहीं।

खटीमा गोलीकांड के अमर शहीद:

श्री भगवान सिंह सिरौला, ग्राम श्रीपुर बिछुवा, खटीमा

श्री प्रताप सिंह, खटीमा

श्री सलीम अहमद, खटीमा

श्री गोपीचन्द, ग्राम रतनपुर फुलैया, खटीमा

श्री धर्मानन्द भट्ट, ग्राम अमरकलाँ, खटीमा

श्री परमजीत सिंह, राजीवनगर, खटीमा

श्री रामपाल, बरेली

शहीद स्मारक में लगी शहीदों की मूर्तियों का अनावरण मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा किया गया।

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