*25 जून, 1975 को तत्कालीन सरकार द्वारा भारतीय संविधान का अपमान करते हुए देश पर आपातकाल थोपने का अत्यंत निंदनीय कृत्य किया गया था। सत्ता के घमंड में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी द्वारा संविधान की हत्या का दुस्साहस लोकतंत्र पर काले धब्बे के रूप में याद किया जाएगा।*
*केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का लिया गया निर्णय स्वागत योग्य है। यह निर्णय आपातकाल के उस काले दौर में देश के लोकतंत्र की रक्षा करने हेतु अनेक यातनाएं सहकर भी तानाशाही का प्रतिकार करने वाले समस्त आंदोलनकारियों के महान योगदान का स्मरण कराएगा।*