मान्यताओं के अनुसार अन्नपूर्णा मेले पर होता है माँ दुर्गा व भोले शिव का मिलन ।
रुद्रप्रयाग -केदारधाम में युंगो से चली परम्परा को देखते हुए बाबा भोले के धाम में रक्षा बंधन से पूर्व रात्रि को भतुज मेला का आयोजन किया जाता है ।भतुज /अन्नपूर्णा मेले में धाम में भोले की आरती करने के बाद इस मेले का आगाज किया जाता है बद्री केदार मंदिर समिति के द्वारा केदारनाथ मंदिर को 11 कुंतल गेंदा के फूलों से सजाया गया है । केदारनाथ तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों ने इस मेले की सभी देशवासियों को प्रदेश वासियों व सम्पूर्ण मानव जगत को अन्नपूर्णा मेले की ढेर सारी शुभकामनाये दी। आज रात को भगवान शिव की नगरी केदारपुरी में नये अनाज का 1 कुन्तल 25 किलो /सवामन चावलों का ब्यंजन का भेाग बना कर भगवान शिव शंकर के लिंग में सजाकर उसमें ब्रहमकमल एवं अन्य पूजन सामग्री चढ़ाकर पूजा अर्चना कर ,सभी भक्तों के दर्शन के लिए भगवान शिव शंकर के गर्वगृह के कपाट खोले जाते हैं ।इस मेले को लेकर मंदिर समिति के वेदपाठी ओमकार शुक्ला का कहना है की जिस प्रकार से 6 वर्ष में अर्धकुम्भ और पूर्ण कुम्भ होता हैं ठीक उसी प्रकार से आज 6 वर्ष में मॉ दुर्गा /अन्नपूर्णा और शिवशंकर भगवान का मिलन हो रहा है। जो भी श्रद्धालु इस पुण्य के भागीदारी बनेगें उनकी मनोकामना पूर्ण होगी। इस मेले को लेकर दूर -दूर से श्रद्धालु धाम पहुंच रहे हैं ।भतुज/अन्नपूर्णा मेले को लेकर केदारघाटी के लोगो मे काफी उत्सुकता बनी हुई रहती है ।