कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तर भारत का एकमात्र मंदिर जहाँ भगवान कार्तिकेय बालक रूप में विराजमान*

रुद्रप्रयाग जनपद के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल क्रौंच पर्वत पर स्थित भगवान कार्तिक स्वामी मंदिर में इस वर्ष भी एक विशेष धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। 12 मई को मंदिर परिसर में 108 बालमपुरी शंख पूजा और हवन का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस भक्ति और आस्था से परिपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन पर्यटन विकास परिषद उत्तराखंड, जिला प्रशासन और मंदिर समिति के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।कार्यक्रम की विशेष बात यह है कि इसमें तमिलनाडु के प्रमुख मंदिरों, माईलम एथेनम, कूनमपट्टी एथेनम, कौमारा मुत्त एथेनम और श्रृंगेरी मुत्तू आदि के शिवाचार्य शामिल होंगे। सभी शिवाचार्यगण विशेष पूजा-अर्चना, शंख पूजन और हवन अनुष्ठान संपन्न कराएंगे।
कार्तिक स्वामी मंदिर, उत्तर भारत का एकमात्र मंदिर है जहाँ भगवान कार्तिकेय बालक रूप में विराजमान हैं।

आयोजन से पहले रविवार को पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने स्वयं कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंचकर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने मंदिर परिसर और आसपास की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और पर्यटन विभाग के अधिकारियों तथा मंदिर समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। सचिव पर्यटन ने स्पष्ट किया कि आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां समयबद्ध तरीके से पूर्ण की जाएं।उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी आयोजन को विशेष स्वरूप में किया जा रहा है, ताकि देशभर से आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक एक अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकें। सचिव सचिन कुर्वे ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और मूलभूत आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखा जाए।

 

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