रिपोर्ट- पुष्कर सिंह नेगी
बद्रीनाथ धाम में तीन दिवसीय नंदा महोत्सव का आयोजन आज गाडू के साथ समाप्त हो गया है बताते चले इस समय पहाड़ों में पहाड़ की आराध्य देवी माँ नंदा को बुलाने का महत्व होता है जो कि बद्रीनाथ से लेकर पहाड़ के हर गांव तक अलग अलग मान्यताओं के साथ अलग अलग गावों में अपने अपने परम्पराओं के हिसाब से मनाया जाता है वही बद्रीनाथ धाम में यह मेला 3 दिनों तक मनाया जाता है मां नंदा के लिए जहां ब्रह्म कमल के फूल उच्च हिमालय क्षेत्र से मंगवाए जाते हैं वही समापन के अवसर पर कुबेर घंटाकरण सहित कैलाश अवतरित होकर यहां श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हैं।
नंदा देवी महोत्सव के अंतिम दिवश पर बद्रीनाथ धाम के बामणी गांव में जहां बद्रीनाथ मंदिर के गर्भ ग्रह से कुबेर की मूर्ति बाहर आकर बामणी गांव के नंदा मंदिर पहुंचती है और यहां कुबेर के अवतारी पुरुष गाडू लेकर दूध से स्नान करते हैं जब अवतारी पुरुष तलवार से कटार लेते हैं ।
वही दृश्य इस मेले का सबसे आकर्षण का केंद्र होता है बताते चलें भगवान बद्री विशाल की यात्रा काल के दौरान पहली बार नंदा महोत्सव में ही कुबेर का गाडू महोत्सव भी मनाया जाता है वही कपाट बंद के दौरान कुबेर के शीतकालीन पूजा स्थल पांडुकेश्वर में गाडू महोत्सव अलग अलग पर्व पर हर बार मनाया जाता है ।