बद्रीनाथ ।।उत्तराखंड से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। बदरीनाथ धाम में वीआईपी व्यवस्था खत्म हो गई है। उप जिलाधिकारी जोशीमठ ने धरनास्थल पर आकर इसकी सार्वजनिक घोषणा की है।
बद्रीनाथ मंदिर समिति द्वारा विगत वर्ष शुरू की गई वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। उप जिलाधिकारी जोशीमठ द्वारा धरना स्थल पर आकर घोषणा सार्वजनिक की गई है। बता दें सोमवार सुबह से तीर्थ पुरोहितों के साथ पंडा समाज और स्थानीय लोग वीआईपी कल्चर ख़त्म करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए थे।
स्थानीय लोगों ने लगाए थे ये आरोप।
स्थानीय लोगों का कहना था कि बामणी गांव जाने वाले पैदल रास्ते पर वीआईपी दर्शन के लिए एक कार्यालय बनाया गया है। जिससे वहां पर गांव की तरफ जाने वाले लोगों के मार्ग को बंद कर दिया गया है। गांव के लोगों को इस रास्ते से गुजरने नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन की लापरवाही की वजह से आम जनता को परेशानी उठानी पड़ रही है।
बदरीनाथ धाम में भारी विरोध प्रदर्शन के बाद बीकेटीसी की ओर से शुरू की गई वीआईपी दर्शन व्यवस्था समाप्त कर दी गई है। अब सिर्फ वही लोग वीआईपी दर्शन कर पाएंगे, जिनके लिए सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी किया गया होगा।हालांकि, स्थानीय लोगों को मंदिर में आने-जाने पर किसी तरह की रोक नहीं रहेगी। सोमवार सुबह बदरीनाथ धाम में पंडा समाज, तीर्थ पुरोहित, होटल व्यवसायी और स्थानीय लोग वीआईपी व्यवस्था समाप्त करने को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी कुछ देर बाद बामणी गांव की महिलाएं भी वहां पहुंच गईं। इसके बाद स्थानीय लोगों ने साकेत तिराहे पर जिला प्रशासन और बीकेटीसी के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारी स्थानीय लोगों और तीर्थ पुरोहितों को मंदिर में जाने से नहीं रोकने, कुबेर गली में मार्ग पर लगे बैरियर और वीआईपी वेटिंग रूम को हटाने की मांग कर रहे थे। लोगों का कहना था कि बीकेटीसी ने जो वीआईपी दर्शन की व्यवस्था शुरू की है, उससे आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ रहा है।चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महासचिव डॉ. बृजेश सती ने कहा, मंदिर समिति की ओर से वीआईपी कल्चर शुरू किया गया है, वो पूरी तरह से खत्म हो।