सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक ही सीमित न रहे शरदोत्सव: विधायक शैलारानी*
- *पांच दिवसीय मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले के उद्धाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत*
*स्टॉलों पर अर्से, रोटने, चोलाई के लड्डू, आलू-प्याज आदि स्थानीय उत्पाद रखवाले के दिए निर्देश*
अगस्त्यमुनि :: पांच दिवसीय मन्दाकिनी शरदोत्सव एवं कृषि औद्योगिक विकास मेले के उद्धाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची केदारनाथ विधायक श्रीमती शैलारानी रावत, विशिष्ठ अतिथि जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कण्डारी, मेला अध्यक्ष/नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि की अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल, मेला समिति के महासचिव एवं कार्यकारी अध्यक्ष हर्षवर्धन बेंजवाल समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर मेले का उद्घाटन किया। जनता को सम्बोधित करते हुए विधायक ने कहा कि मेले एवं त्योहार हमारी संस्कृति की पहचान हैं इसके संरक्षण के लिए इस तरह के आयोजन किए जाने आवश्यक हैं ताकि आने वाली पीढी भी इनका अनुसरण कर आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य कर सके।
विधायक श्रीमती शैलारानी रावत ने मेला समिति को सलाह दी कि अगस्त्यमुनि के विशाल मैदान में 7 से 11 नवम्बर तक लगने वाले मेले को केवल सांस्कृतिक कार्यक्रमों तक ही सीमित न रखें बल्कि जिला प्रशासन के साथ मिलकर इसे स्थानीय उत्पादों से भी जोड़ा जाए। उन्होंने जिला प्रशासन को स्थानीय काश्तकारों एवं महिलाओं के उत्पादों को सरकारी स्टॉलों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करवाने को कहा। कहा कि दीवाली से पहले स्टॉलों पर अर्से, रोटने, चोलाई के लड्डू, आलू-प्याज आदि भी रखवाया जाए। सरकार मेले एवं त्योहारों को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है तथा विभिन्न विभागों द्वारा सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम जनता को स्टॉलों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है। विधायक शैलारानी रावत द्वारा स्टॉलों का निरीक्षण किया गया तथा उन्हें सरकार द्वारा चलाई जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आम जनता को उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित भी किया।
विशिष्ठ अतिथि जिला पंचायत सदस्य कुलदीप कण्डारी ने उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन में अपनी शहादत देने वाले शहीदों को याद करते हुए कहा कि मेले हमारी संस्कृति के संवाहक होते हैं। स्थानीय मेले में जहां बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच मिलता है वहीं स्थानीय उत्पादों को बाजार भी उपलब्ध होता है। पूर्व राज्य मंत्री अशोक खत्री ने मेले के संस्थापक सदस्यों को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा लगाई गई यह पौध आज विशाल वृक्ष का रूप ले रहा है। मेला अध्यक्ष/नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि की अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत एवं आभार प्रकट किया। मेला समिति के महासचिव एवं कार्यकारी अध्यक्ष हर्षवर्धन बेंजवाल ने मेले के इतिहास पर संक्षिप्त प्रकाश डालते हुए अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर विभिन्न महिला समूहों द्वारा भजन गायन प्रतियोगिता में भी प्रतिभाग किया गया। वहीं गुरूकुल नेशनल स्कूल, अगस्त्य पब्लिक स्कूल, राबाइका, राइजिंग ईरा सहित कई विद्यालयों की छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी गई। वहीं मेले में कृषि, उद्यान, पशुपालन, स्वजल, वन विभाग, चिकित्सा विभाग, बाल विकास, उद्योग, मत्स्य, सहकारिता सहित विभिन्न जनपदों से आए उद्यमियों ने अपने स्टॉल लगाए गए हैं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी बीरसिंह बुदियाल, एसडीएम आशीष घिल्डियाल, जिला क्रीड़ाधिकारी निर्मला पंत, मेला संयोजक विक्रम नेगी, व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन बिष्ट, मोहन रौतेला, शत्रुघ्न नेगी, चन्द्र सिंह नेगी, दिग्पाल नेगी, रागनी नेगी, रमेश बेंजवाल, बलवीर लाल, पृथ्वीराज रावत, कुसुम भट्ट सहित जन प्रतिनिधि एवं विभिन्न क्षेत्रों से आए मेलार्थी उपस्थित रहे। मंच संचालन गंगाराम सकलानी एवं गिरीश बेंजवाल ने संयुक्त रूप से किया।