14 सालो की लम्बी कानूनी लड़ाई के बाद मिला बबिता उनियाल को न्याय।

बीमा कम्पनी को 17लाख रुपये भुगतान करने के दिये आदेश

रुद्रप्रयाग । राष्ट्रीय लोक अदालत में कई सालों से लंबित मामलों में से 14 साल से न्याय को भटक रही एक महिला के पति की मौत मामले में बीमा कंपनी को 17 लाख रुपये के भुगतान के निर्देश दिये ।14 सालो की लंबी लड़ाई को न्ययालय ने 15 मिनट में फैसला सुनाए जाने पर बॉडर पर दुश्मन से जंग जीतने जैसा महसूस किया। रुद्रप्रयाग की बबीता देवी उनियाल राष्ट्रीय लोक अदालत में वाद लेकर हाईकोर्ट पहुंची थी ।जंहा सुनवाई में उसने बताया कि 2008 में रुद्रप्रयाग के नरकोटा में कार दुर्घटना में 5 लोगो की मौत हो गई थी जिसमे उसके पति धर्मानन्द उनियाल भी उस कार में सवार थे ।मेरे पति के द्वारा लाइफ बीमा लिया था ।जिसकी परिपक्व धनराशि 19 लाख रुपये निर्धारित की थी ।पति की मौत के बाद बीमा कंपनी कार्यालय के दो साल तक चक्कर काटने पर जब सुनवाई नही हुई तो वर्ष 2010 में देहरादून कोर्ट में वाद दायर किया । 14 साल व्यतीत होने के बाद भी न्याय नही मिला ।हाईकोर्ट में अपील करने पर शनिवार को सुनवाई हुई जिसमें न्यायाधीश रवींद्र मैठाणी की कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद बीमा कंपनी को 17 लाख रुपय भुगतान के आदेश दिये।

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