रुद्रप्रयाग ।इसे पहाड़ की नियति कहे या लापरवाह नोकरशाही जिन्हें अपने कार्यक्षेत्र का ही पता नही की हमारे अधीन कितने विद्यालय है और कितने चल रहे हैं ये पता ही नही उस क्षेत्र में कौन अधिकारी कौन कर्मचारी ।
उत्तराखण्ड सरकार स्कूली शिक्षा व्यवस्था सुधारने का आए दिन ढिंढोरा पीटती रहती है लेकिन धरातल पर स्थिति क्या है सरकार में बैठे नुमाइंदों को भी पता नही है हम बात कर रहे हैं जनपद रुद्रप्रयाग के विकास खण्ड जखोली के राजकीय प्राथमिक विद्यालय शिंशो की जंहा पिछले 11 दिनों से स्कूल के ताले नही खुले हैं। शिंशो के अविभावकों का कहना है कि स्कूल में ताले बन्द होने के बाद भी उनके बच्चे प्रतिदिन विद्यालयमे आ रहे हैं और बिना अद्यापक के 10 बजे के बाद अपने घरों को चले जा रहे हैं।बिडम्बना ये भी है की विकास खण्ड जखोली में अधिकतर विद्यालयों में एकल अध्यापक है जो अधिकांंश मीटिंगों व शासकीय कार्यो का हवाला देकर विद्यालय में नहीं रहते हैं लेकिन इन के उच्च अधिकारियों को पता ही नही होता है कि विद्यालय बन्द है या खुले ।जनपद रुद्रप्रयाग के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जितेंद्र सेक्सना से जब शिंशो विद्यालय बन्द होने की जानकारी चाही तो उनका कहना है कि किसी भी जनप्रतिनिधि ,ग्रामीण व उनके संकुल के सीआसी द्वारा इस बारे में कोई भी जानकारी नही दी गयी है की विगत कई दिनों से विद्यालय बन्द चल रहा है साथ ही गांव में आंगनबाड़ी है वह भी उसी परिसर में होने पर विद्यालय में पूर्ण पठन पाठन चल रहा है ।यदि इन अधिकारियों को स्कूल की शैक्षिक व्यवस्था आंगनबाड़ी कार्यकत्री के भरोसे चलानी है तो फिर इन विद्यालयों में सरकारी अध्यापकों की नियुक्ति क्यों जा रही है । उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में मेरी माटी मेरा देश अभियान चलाया जा रहा है इसी कार्यक्रम को लेकर भजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ओम प्रकाश बहुगुणा पहुंचे तो ग्रामीण सुनील बुटोला, कुशाल सिंह नेगी, कुंदन लाल, हर्ष लाल, अमित सेमवाल, नरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह ने उन से कहा है कि पिछली पहली तारीख से अध्यापक स्कूल नहीं आ रही है जिससे बच्चो का भविष्य चौपट हो रहा है।