अंकिता भंडारी हत्याकांड के बाद सक्रिय भूमिका निभाने वाले पत्रकार आशुतोष नेगी को पौड़ी पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। उनकी गिरफ्तारी पर अंकिता भंडारी के परिजनों ने नाराजगी जताई है। इधर मामले में उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार का बयान आया है। डीजीपी ने कहा कि जो भी लोग आशुतोष नेगी की गिरफ्तारी पर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं, वे या तो भावनाओं में बह रहे हैं या उनके पास अपना कोई एजेंडा है।

गौरतलब है कि पौड़ी के ग्राम पयासूं के शिकायतकर्ता राजेश सिंह राजा कोली की लिखित तहरीर के आधार पर बीते 05 जनवरी 2024 को कोतवाली पौड़ी पर 01/24, धारा 504/506 IPC, धारा 66 (C) सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2000 और धारा 3(1) (घ) SC/ST Act एक्ट बनाम आशुतोष एवं अन्य के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसकी विवेचना क्षेत्राधिकारी कोटद्वार वैभव सैनी द्वारा की जा रही है। तफ्तीश में पर्याप्त साक्ष्यों के आधार पर पूर्व में एक अभियुक्त दीप मैठाणी को देहरादून से गिरफ्तार किया गया था। वहीं मंगलवार देर सायं को पत्रकार आशुतोष नेगी को भी गिरफ्तार कर दिया गया है। आशुतोष नेगी को न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश के बाद आशुतोष नेगी को 15 मार्च तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार पौड़ी भेज दिया गया है। इस दौरान न्यायालय से बाहर आते ही अंकिता के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। अंकिता की मां तो बेहोश हो गईं, जिन्हें जिला अस्पताल उपचार के लिए ले जाया गया।

डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि अंकिता भंडारी हत्याकांड की जांच के दौरान उत्तराखंड पुलिस किसी भी तरह के दबाव में नहीं थी हमें सरकार और मुख्यमंत्री का पूरा सहयोग मिला है। राज्य पुलिस ने निष्पक्ष और साहसिक जांच की है। इस मामले में गिरफ्तार पत्रकार आशुतोष नेगी भी बिना किसी सबूत के उत्पात मचा रहा था और उसकी संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। इस मामले में पुलिसकर्मियों की भूमिका क्या है” यह भी जांच की जा रही है। डीजीपी ने साफ किया कि जांच में अगर पुलिसकर्मी दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ भी करवाई की जाएगी।

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