जम्मू. फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) का संदर्भ देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को कहा कि तीन दशक से भी लंबे पाकिस्तान-प्रायोजित आंतकवाद ने जम्मू एवं कश्मीर के हर नागरिक को प्रभावित किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को किसी विशेष धर्म से जोड़ना बिल्कुल गलत है.
घाटी में 1990 के दौरान कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के रिलीज होने के बाद से इसे लेकर जनता के ध्रुवीकृत विचार सामने आने के साथ ही सिनेमा हॉल में सांप्रदायिक नारेबाजी की घटनाएं भी सामने आई हैं.
पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त करने के लिए आजाद (Ghulam Nabi Azad) के सम्मान में जम्मू सिविल सोसायटी द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद मौत और बर्बादी लाया और यही सभी बुरी चीजों के लिए जिम्मेदार है.’ उन्होंने कहा, ‘कई लोगों की जान चली गई, हजारों महिलाएं विधवा हुईं और लाखों बच्चे अनाथ हुए, उन्होंने सभी को निशाना बनाया, चाहे वो मुस्लिम, हिंदू या पंडित हो और यहां तक कि धार्मिक स्थलों को भी नहीं बख्शा.’
आजाद ने आरोप लगाया कि समाज में 90 फीसदी बुरी चीजों के लिए राजनेता जिम्मेदार हैं जोकि अपने वोट बैंक के लिए जनता को बांटते हैं. साथ ही उन्होंने संदेह जताया कि कोई राजनीति इसमें बदलाव ला सकती है या नहीं? कांग्रेस नेता ने कहा, ‘जम्मू ही केवल एकमात्र स्थान है, जहां जम्मू-कश्मीर के सभी 22 जिलों के और लद्दाख के लोग रह रहे हैं.’
महात्मा गांधी को याद करते हुए आजाद ने कहा, ‘एक धर्म का सच्चा अनुयायी गांधी जैसा सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष होता है, जबकि एक बनावटी अनुयायी बहुत खतरनाक है.’