रुद्रप्रयाग।।25 अप्रैल 2024 की रात्रि में थाना गुप्तकाशी पुलिस को ग्राम प्रहरी देवर द्वारा सूचना दी गयी थी कि उनके गांव देवर के जंगल में एक महिला अचेत अवस्था में पड़ी है। इस सूचना पर थाना गुप्तकाशी का पुलिस बल मौके पर पहुंचा। अचेत अवस्था में पड़ी महिला के सिर, गर्दन व चेहरे पर गहरे जख्म के खून से सने निशान पाये गये। इन महिला की शिनाख्त मौके पर ही श्री सन्दीप चौहान द्वारा उनकी पत्नी नीलम के रूप में की गयी और बताया गया कि हमेशा की तरह उनकी पत्नी जंगल में चारा पत्ती के लिए गयी थी और देर रात्रि तक वापस नहीं पहुंची थी। इस पर गांव वाले उसकी तलाश में आये थे। प्रथम दृष्टतया मृत्यु का कारण किसी जंगली जानवर के हमले किये जाने की आशंका प्रतीत होने पर पुलिस के स्तर से पंचायतनामा की कार्यवाही कर शव को पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतका की मृत्यु सिर में गहरी चोट आने व अत्यधिक रक्त स्त्राव का होना पाया गया।
दिनांक 27 अप्रैल 2024 को थाना गुप्तकाशी पर वादी राकेश सिंह रावत पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह रावत निवासी ग्राम ठान प0 वृत्त परकण्डी तहसील व थाना ऊखीमठ जनपद रुद्रप्रयाग (मृतका का भाई) द्वारा थाना गुप्तकाशी की शिकायत पर थाना गुप्तकाशी पर अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना प्रचलित की गयी।
पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी व थाना प्रभारी को टीम गठन कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये व घटनाक्रम पर पैनी नजर रखी गयी। क्षेत्राधिकारी गुप्तकाशी श्रीमती हर्षवर्द्धनी सुमन के प्रभावी पर्यवेक्षण में व थाना प्रभारी गुप्तकाशी राकेन्द्र कठैत के नेतृत्व मे अलग-अलग टीमों का गठन किया गया व तकनीकी सहायता हेतु साइबर सैल के कार्मिकों को भी गठित टीमों के साथ सम्मिलित किया गया। टीम के सदस्यों को उक्त प्रकरण के हरसम्भव सफल अनावरण हेतु निर्देशित किया गया दौराने विवेचना एक व्यक्ति के देवर गांव के व्यक्ति के यहां खच्चर हांकने का काम करने की बात प्रकाश में आयी और उसके घटना के दिन जंगल मे खच्चर चुगाने के बाद से अगले से लापता होने की जानकारी मिली। पुलिस के स्तर से देवर गांव के स्थानीय निवासी से पूछताछ की तो उन्होने बताया कि महावीर उनके पास ही काम किया करता है जो 26 अप्रैल को अपना स्वास्थ्य खराब होने का बताकर कहीं चला गया है और फिर वापस नहीं आया। महावीर के बारे में पूरी जानकारी ज्ञात करने पर इसके घर पर जाकर पता करने पर परिजनों द्वारा बताया गया कि ये दिनांक 26 अप्रैल 2024 की शाम को घर आया था और अगले दिन कहीं चला गया। पुलिस के स्तर से इस व्यक्ति की ढूंढखोज जारी रखते हुए इसकी रिश्तेदारी अन्य पहचान वालों इसके यार दोस्तों के ठिकानों पर दबिश देकर व सर्विलांस के माध्यम से ढूंढ खोज जारी रखी गयी। पुलिस के स्तर से मुखबिर तन्त्र विकसित कर आवश्यक निरन्तर आपसी तालमेल बनाये रखा गया। मुखविर की सूचना पर पुलिस टीम ने काफी मशक्कत करते हुये महावीर को विद्यापीठ की ओर जाने वाले पैदल मार्ग पर पकड़ लिया जिसने पूछताछ मे बताया कि वह माह जनवरी मे ग्राम देवर मे खच्चर चलाने का काम करने लगा जंहां उसकी मुलाकात नीलम देवी से हुई और वह उसे पसन्द करने लगा दिनांक 25 अप्रैल को जंगल मे खच्चर चुगाते समय महावीर को नीलम जंगल मे अकेली दिखी तो अकेलेपन का फायदा उठा कर नीलम को अपने झांसे मे लेने लगा व जबरदस्ती करने लगा जिस पर नीलम के द्वारा उसका विरोध किया जाने लगा व उस पर डण्डे से वार कर अपना बचाव किया जाने लगा। अपने इरादों में सफल न होने पर महावीर को स्वयं पर आत्मग्लानि महसूस हुयी और नीलम के सिर पर पीछे से पत्थर से वार कर दिया जिससे नीलम वंहीं मौके पर मुंह के बल गिर गयी। महावीर यह देख कर नीलम के सिर को अपनी बाजू मे लेकर फिर किसी को यह बात बताई तो जान से मारने की धमकी दी लेकिन नीलम नही मानी तब महावीर ने नीलम का गला घोंटते हुये पत्थर से नीलम के सिर पर कई बार वार किया जिससे नीलम की मौके पर ही मौत हो गयी और उसके बाद महावीर वहां से भाग गया और अपने खून से लगे कपडे छिपा दिये जिसे पुलिस ने घटनास्थल से अभियुक्त महावीर की निशान देही पर हत्या में प्रयुक्त रक्त रंजित दो पत्थर तथा घटना के समय पहने रक्त रंजित कपड़े बरामद किये गये हैं। अभियुक्त को आज मा0 न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
पुलिस के स्तर से अभियुक्त के आपराधिक इतिहास की जानकारी ज्ञात की जा रही है।
इस हत्याकाण्ड का सफल अनावरण करने वाली पुलिस टीम को पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग ने ढाई हजार रुपये का पारितोषिक प्रदान किये जाने की घोषणा की गयी है।

अभियुक्त का विवरण – महावीर कठैत पुत्र श्री दलीप कठैत निवासी ग्राम बिजराकोट, पो0 जखेड़ा, जिला रुद्रप्रयाग (उम्र- 37 वर्ष)

पुलिस टीम का विवरण –
1. प्रभारी निरीक्षक राकेन्द्र कठैत
2. उपनिरीक्षक सुरेश कुमार सिंह
3. अपर उप निरीक्षक यशपाल रावत
4. मुख्य आरक्षी मनोज कुमार
5. आरक्षी गम्भीर
6. आरक्षी जय प्रकाश चौहान
7. मुख्य आरक्षी नवनीत (साइबर सैल)
8. आरक्षी राकेश रावत (साइबर सैल)

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